उत्तराखंड: प्रवर्तन सिपाहियों की भर्ती में सवर्ण गरीबों को भी मिलेगा आरक्षण, नियमावली में संशोधन की तैयारी

परिवहन विभाग के प्रवर्तन संवर्ग की सेवा नियमावली में अब गरीब सवर्णों को भी आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रवर्तन संवर्ग की सेवा नियमावली में बदलाव की तैयारी है। इसके साथ ही नियमावली में संशोधन की तैयारी चल रही है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:06 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 07:42 PM (IST)
उत्तराखंड: प्रवर्तन सिपाहियों की भर्ती में सवर्ण गरीबों को भी मिलेगा आरक्षण, नियमावली में संशोधन की तैयारी
प्रवर्तन सिपाहियों की भर्ती में सवर्ण गरीबों को भी मिलेगा आरक्षण।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। परिवहन विभाग के प्रवर्तन संवर्ग की सेवा नियमावली में अब गरीब सवर्णों को भी आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रवर्तन संवर्ग की सेवा नियमावली में बदलाव की तैयारी है। इसके साथ ही नियमावली में संशोधन की तैयारी चल रही है। नियमावली में अनिवार्य तबादले और नव सृजित पदों पर पदोन्नति की व्यवस्था भी की जा रही है।

परिवहन विभाग में कुछ समय पहले प्रवर्तन संवर्ग के ढांचे में बदलाव किया गया है। इसके तहत प्रवर्तन संवर्ग में प्रवर्तन सिपाही, प्रवर्तन पर्यवेक्षक और वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक का पद सृजित किया गया है। अब इन नव सृजित पदों पर पुराने आरक्षण के साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा गरीब सवर्णों के लिए दिए गए आरक्षण को भी शामिल किया जा रहा है, ताकि नई भर्ती में इन्हें भी भर्ती का मौका मिल सके। इसके अलावा विभाग में कुछ समय पहले वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक का नया पद सृजित किया गया है। पहले इस संवर्ग में प्रवर्तन सिपाही के के बाद प्रवर्तन पर्यवेक्षक का पद था। इसके बाद इस संवर्ग में पदोन्नति का कोई मौका नहीं था। प्रवर्तन पर्यवेक्षक के पद भी बेहद सीमित थे। 

इस कारण अधिकांश सिपाही पूरी सेवा करने के बाद पदोन्नति नहीं ले पाते थे। इतना जरूर था कि उन्हें प्रोन्नत वेतनमान मिलता रहता था। इस संबंध में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के निर्देशों के क्रम में विभाग ने प्रवर्तन सिपाहियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सीनियर सुपरवाइजर का नया पद सृजित किया। इसमें अब पदोन्नति की नियमावली बनाई जा रही है। 

प्रस्तावित नियमावली के अनुसार प्रवर्तन सिपाही से प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद पर पहली पदोन्नति भर्ती के छह साल बाद होगी। पांच साल अथवा 11 साल की सेवा पर वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति दी जाएगी। इसके कितने पद होंगे और पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कितने वर्ष की सेवा करनी होगी, इसकी प्रविधान भी प्रस्तावित नियमावली में किया गया है। इसे विधायी से सहमति मिल चुकी है। माना जा रहा है कि शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस नियमावली को लाया जाएगा।

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