बेरोजगार फार्मेसिस्टों का अनशन समाप्त, जारी रखेंगे धरना जारी
प्रशिक्षित बेरोजगार फार्मेसिस्टों ने नियुक्ति समेत 14 सूत्री मांगों को लेकर चल रहा अनशन गुरुवार को समाप्त कर दिया है। कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने फार्मेसिस्ट विनायका डिमरी अनुज पुंडीर मनोहर बोरा संजीव बलूनी सोलन सिमल्टी व विजय जोशी को जूस पिलाकर आमरण खत्म करवाया।
जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रशिक्षित बेरोजगार फार्मेसिस्टों ने नियुक्ति समेत 14 सूत्री मांगों को लेकर चल रहा अनशन गुरुवार को समाप्त कर दिया है। कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने फार्मेसिस्ट विनायका डिमरी, अनुज पुंडीर, मनोहर बोरा, संजीव बलूनी, सोलन सिमल्टी व विजय जोशी को जूस पिलाकर आमरण खत्म करवाया। उन्होंने आश्वस्त किया कि फार्मेसिस्टों के प्रकरण में कैबिनेट में चर्चा की जाएगी और राज्य सरकार जल्द कोई सकारात्मक पहल करेगी। इस अवसर पर नानकमत्ता विधायक डा. प्रेम सिंह राणा भी उपस्थित रहे।
प्रशिक्षित बेरोजगार फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष महादेव गौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ सकारात्मक वार्ता व आश्वासन पर आक्रोश रैली को स्थगित किया गया है। बेरोजगार फार्मेसिस्टों को कैबिनेट से आस है। उन्होंने कहा कि जब तक 536 पदों को यथावत रखने, 1368 पदों के सृजन संबंधी आदेश और रिक्त पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं होता है, तब तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई की दीपावली से पूर्व राज्य सरकार सकारात्मक निर्णय लेते हुए विज्ञप्ति प्रकाशित कर त्योहार का तोहफा देगी। धरने में जयप्रकाश, जगदीश धनपाल, चंद्रशेखर, खेमराज, गौतम, रतन, अलीशा, विपुल, यमुना, मुग्धा आदि उपस्थित रहे।
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पुरानी पेंशन बहाली को राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सेनि. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान कार्मिकों ने पुरानी पेंशन बहाली और जीपीएफ व्यवस्था को लेकर ज्ञापन भी सौंपा।
मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने बताया कि प्रदेश के कार्मिक लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। लेकिन, राज्य सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने बुधवार को पौड़ी में राज्यपाल से मुलाकात की। मंडल मुख्यालय पौड़ी आगमन पर राज्यपाल का अभिनंदन किया। साथ ही आग्रह किया कि सभी विभागों के कार्मिकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। बताया कि अक्टूबर 2005 के बाद से नियुक्त कार्मिकों की पुरानी पेंशन योजना को बंद कर नवीन पेंशन योजना से आच्छादित कर दिया गया। जोकि कर्मचारियों को नामंजूर है। ऐसे में पुरानी पेंशन बहाल करना बेहद जरूरी है। इस पर राज्यपाल ने मामले में यथासंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया।