उत्तराखंड: बेरोजगार एलोपैथिक फार्मेसिस्टों ने तानी मुट्ठियां, महाआंदोलन की दी चेतावनी

प्रशिक्षित बेरोजगार एलोपैथिक डिप्लोमा फार्मेसिस्ट महासंघ ने विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति और उप केंद्रों में सृजित 536 फार्मेसिस्टों के पद यथावत रखने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे प्रदेशभर में महाआंदोलन शुरू कर देंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 02:08 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 02:08 PM (IST)
उत्तराखंड: बेरोजगार एलोपैथिक फार्मेसिस्टों ने तानी मुट्ठियां, महाआंदोलन की दी चेतावनी
बेरोजगार एलोपैथिक फार्मेसिस्टों ने तानी मुट्ठियां, महाआंदोलन की दी चेतावनी।

जागरण संवाददाता,देहरादून। प्रशिक्षित बेरोजगार एलोपैथिक डिप्लोमा फार्मेसिस्ट महासंघ ने विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति और उप केंद्रों में सृजित 536 फार्मेसिस्टों के पद यथावत रखने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे प्रदेशभर में महाआंदोलन शुरू कर देंगे।

मंगलवार को महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा से मुलाकात की। महानिदेशक ने उन्हेंं बताया कि वर्तमान में फार्मेसिस्ट संवर्ग में भर्ती संभव नहीं है। क्योंकि राज्य में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आइपीएचएस) मानकों के तहत उप केंद्रों से फार्मेसिस्ट के पद खत्म कर दिए गए हैं। इन पदों पर नियुक्त फार्मेसिस्ट को चिकित्सालयों में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाना है। यह भी बताया कि मानकों के कारण फार्मेसिस्ट के पदों की संख्या भी पूर्व से भी कम हो गई है।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महादेव गौड़ का कहना है कि विभाग के इस निर्णय से 20 वर्षों से रोजगार की आस लगाए हजारों फार्मेसिस्ट को आघात पहुंचा है। इस नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा। स्वास्थ्य विषय राज्य सूची का विषय है और राज्यों को अधिकार है कि अपने यहां की विषम भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए नीति में परिवर्तन कर सकते हैं।

आज दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां चिकित्सक जानें से कतराते है, वहां पर फार्मेसिस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बावजूद इसके इस महत्वपूर्ण संवर्ग की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया कि जल्द इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल में शैलेंद्र नौटियाल, संजीव बलूनी, अनिल सोनियाल, इंद्रमोहन नौटियाल, विजय आदि उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: पेयजल कर्मियों ने भी फूंका आंदोलन का बिगुल, पांच से 10 तक जनप्रतिनिधियों को सौंपे जाएंगे ज्ञापन 

chat bot
आपका साथी