75 करोड़ ठिकाने, रातों-रात चमका दी बनी-बनाई सड़कें; पहुंचे लोनिवि अधिकारी

जिस लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के अधिकारी शहर की प्रमुख सड़कों के गड्ढे भरने तक को बजट का रोना रोते रहते हैं उन्होंने इस दफा बिना हिचकिचाहट के गली-मोहल्लों तक का रुख कर दिया। फिर यह भी नहीं देखा गया कि सड़कों की हालत कैसी है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 29 Mar 2021 01:30 PM (IST) Updated:Mon, 29 Mar 2021 01:30 PM (IST)
75 करोड़ ठिकाने, रातों-रात चमका दी बनी-बनाई सड़कें; पहुंचे लोनिवि अधिकारी
लोनिवि ने इस दफा बिना हिचकिचाहट के गली-मोहल्लों तक का रुख कर दिया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: जिस लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के अधिकारी शहर की प्रमुख सड़कों के गड्ढे भरने तक को बजट का रोना रोते रहते हैं, उन्होंने इस दफा बिना हिचकिचाहट के गली-मोहल्लों तक का रुख कर दिया। फिर यह भी नहीं देखा गया कि सड़कों की हालत कैसी है। सड़कों की मरम्मत का काम भी रातों-रात कर दिया गया और स्थानीय निवासियों को भी पूर्व सूचना नहीं दी। सुबह जब लोगों की आंख खुली तो मोहल्ले का हाल देख उनका मुहं खुला का खुला रह गया।

केंद्र सरकार के सेंट्रल रोड फंड (सीआरएफ) के तहत लोनिवि के दून के खंडों को 75 करोड़ रुपये मिले थे। वित्तीय वर्ष की समाप्ति का समय करीब होने के दौरान यह राशि मिली और शर्त भी थी कि मार्च माह तक पूरी राशि खर्च करनी है। अन्यथा बजट लैप्स हो जाएगा। लिहाजा, लोनिवि के प्रांतीय खंड, निर्माण खंड और ऋषिकेश खंड के अधिकारियों ने इस तरफ अधिक ध्यान ही नहीं दिया कि कहां की सड़कों को मरम्मत की अधिक जरूरत है। उदाहरण के रूप में ङ्क्षरग रोड, डालनवाला क्षेत्र की सड़कें ऐसी हैं, जहां बिना खास जरूरत के भी मरम्मत कार्य कर दिए गए। कई सड़कें ऐसी हैं, जिनका स्तर इस अनावश्यक कार्रवाई के बेहद ऊंचा हो गया है। इसी तरह जोगीवाला क्षेत्र में भी कई कॉलोनियों की सड़कें रातों-रात चमका दी गई, जबकि इन सड़कों की मुख्य जिम्मेदारी नगर निगम व एमडीडीए के पास है। काम की गुणवत्ता भी ऐसी है कि सिर्फ कोलतार की हल्की परत ही चिपकाई गई है। 

खंडवार मिली राशि

प्रांतीय खंड करीब 28 करोड़ रुपये। निर्माण खंड, करीब 12 करोड़ रुपये। अस्थाई खंड, करीब 35 करोड़ रुपये।

इन सड़कों पर ध्यान नहीं

कारगी रोड (कारगी चौक से लालपुल)

यह सड़क लंबे समय से बदहाल पड़ी है। कुछ समय पहले इस पर पैचवर्क किया गया था, मगर अब इसकी हालत खराब है। बेहतर होता कि अधिकारी बजट को जहां-तहां खर्च करने की जगह अत्यधिक वाहन दबाव वाली कारगी रोड की दशा में सुधार करते।

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हरिद्वार बाईपास रोड

इस सड़क पर गेल ने गैस की पाइप लाइन बिछाई है। कई हिस्सों पर लाइन बिछाए दो माह बीत चुके हैं, जबकि सड़क की हालत अभी तक खराब है। 

हरिद्वार रोड प्रिंस चौक से रिस्पना पुल

इस सड़क पर पेयजल लाइन बिछाने का काम काफी समय पहले पूरा कर दिया गया था। यदि लोनिवि चाहता तो सड़क के गड्ढे भरकर जनता को राहत दे सकता था। अधिकारियों ने सिर्फ इसलिए सड़क की मरम्मत नहीं की कि अभी इस पर कुछ काम बाकी है। जिन सड़कों पर अनावश्यक बजट खपाया गया है, उनसे बेहतर को शहर की प्रमुख हरिद्वार रोड की दशा में सुधार कर दिया जाता।

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