उपनल कर्मियों को शनिवार तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम
पिछले 53 दिन से कार्य बहिष्कार पर चल रहे दून मेडिकल कॉलेज व मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत उपनल कर्मियों को कॉलेज प्रबंधन ने नोटिस जारी किया है। उन्हें सख्त ताकीद की है कि वह शनिवार तक हर हाल में काम पर लौट आएं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। पिछले 53 दिन से कार्य बहिष्कार पर चल रहे दून मेडिकल कॉलेज व मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत उपनल कर्मियों को कॉलेज प्रबंधन ने नोटिस जारी किया है। उन्हें सख्त ताकीद की है कि वह शनिवार तक हर हाल में काम पर लौट आएं। ऐसा न होने पर उनकी जगह किसी अन्य को नियुक्ति देने की बात कॉलेज प्रबंधन ने कही है। ऐसे 121 कर्मचारियों की सूची कॉलेज की वेबसाइट पर भी डाली गई है।
बता दें कि उपनल कर्मी समान कार्य-समान वेतन व नियमितीकरण की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार पर हैं।
इनमें लिपिक, लैब टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट, वार्ड ब्वाय, वार्ड आया, कम्प्यूटर ऑपरेटर, इलेक्ट्रीशियन, चतुर्थ श्रेणी कर्मी, माली, स्वच्छक आदि शामिल हैं। इनके हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था चरमराई हुई है। अब जबकि कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, व्यवस्था बनाने में दिक्कत आ रही है। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन ने इन्हें तुरंत काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है।
प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के अनुसार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चरम पर है। जिस कारण मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। दून अस्पताल को शासन ने कोविड-अस्पताल घोषित किया हुआ है। ऐसे में व्यवस्था बनाने के लिए पर्याप्त मानव संसाधन की आवश्यकता है। ऐसे में यदि उपनल कर्मी 17 अप्रैल तक काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनके प्रतिस्थानी के लिए उपनल को पत्र भेज दिया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी उनकी स्वयं की होगी।
कल फिर सीएम आवास कूच करेंगे उपनल कर्मी
सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उपनल कर्मियों ने एक बार फिर कल (शनिवार) मुख्यमंत्री आवास कूच का निर्णय लिया है। गुरुवार को 53वें दिन भी उपनल कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सहस्रधारा रोड स्थित एकता विहार में कर्मचारियों का धरना जारी रहा। वे समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। महासंघ के महामंत्री हेमंत सिंह रावत ने कहा कि विभिन्न जनपदों में आंदोलनरत उपनल कर्मचारी अब शनिवार को होने वाली रैली में शामिल होंगे। साथ ही सभी राजनीतिक दलों, संघों व कर्मचारी संगठनों जिन्होंने नैतिक समर्थन दिया था, उनसे पूर्ण दल-बल के साथ समर्थन का आग्रह किया गया है।
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