Uttarakhand Politics: उक्रांद नेता काशी सिंह ऐरी बोले, चुनाव में उक्रांद का मुख्य मुद्दा रहेगा बेरोजगारी

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उत्‍तराखंड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उक्रांद का मुख्य मुद्दा बेरोजगारी रहेगा। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तराखंड का युवा अपने को ठगा महसूस कर रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 02:38 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 02:38 PM (IST)
Uttarakhand Politics: उक्रांद नेता काशी सिंह ऐरी बोले, चुनाव में उक्रांद का मुख्य मुद्दा रहेगा बेरोजगारी
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उत्तराखंड में बेरोजगारी भयानक रूप अख्तियार कर चुकी है। राज्य के युवा आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। ऐसे में आगामी चुनाव में बेरोजगारी अहम मुद्दा रहेगी। उन्होंने सशक्त भू-कानून बनाने व देवस्थानम बोर्ड को खत्म कर पूर्व व्यवस्था बहाल करने की मांग भी की।

एनेक्सी में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि हरीश चंद्र पाठक व सुरेंद्र कुकरेती को दल का कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। वहीं ललित बिष्ट को केंद्रीय चुनाव प्रभारी बनाया गया है। संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि उक्रांद ने इस राज्य को बनाया और अब उक्रांद ही इस राज्य को बचा सकता है।

संरक्षक नारायण सिंह जंतवाल ने पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पंतनगर विवि ने पूरे देश को हरित क्रांति प्रदान करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। केंद्रीय कोषाध्यक्ष मोहन काला ने दल के वित्तीय प्रबंधन व आइटी क्षेत्र को मजबूत करने की बात कही। इससे पूर्व दल की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में बेरोजगारी दूर करने, सशक्त भू कानून, स्थायी राजधानी गैरसैंण, स्थायी निवास में 1950 को आधार मानने, परिसंपत्तियों का सही बंटवारा, सरकारी विभागों में खाली पदों को भरने, पंतनगर विवि को पूर्व की भांति रखने, सदस्यता अभियान चलाने, उपनल या अन्य अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने, आशा व भोजनमाताओं को उचित मानदेय, राज्य में स्थापित कंपनियों में युवाओं को 80 प्रतिशत रोजगार, पुरानी पेंशन बहाली, राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत 22 राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए।

इस दौरान संरक्षक बीडी रतूड़ी, नारायण सिंह जंतवाल, प्रवक्ता विजय बौड़ाई, सुरेंद्र कुकरेती, चंद्रशेखर कापड़ी, शिवानंद चमोली, ब्रह्मानंद डालाकोटी, अरुण शाह, राजेंद्र नौटियाल, पान सिंह रावत, आनंद सिंह, कुंदन बिष्ट, देवेंद्र चमोली, दीपक रावत आदि मौजूद रहे।

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