नीलकंठ मंदिर के पैदल मार्ग पर दो वर्षीय गुलदार की मौत, पंजे में लंबे समय से लगी थी चोट

राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज में नीलकंठ मंदिर के पैदल मार्ग पर एक दो वर्षीय गुलदार की मौत हो गई। मौत का कारण गुलदार के पिछले पंजे में लंबे समय से लगी चोट को बताया जा रहा है। कुछ समय से एक गुलदार क्षेत्र में जख्मी हालत में था।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:05 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:05 AM (IST)
नीलकंठ मंदिर के पैदल मार्ग पर दो वर्षीय गुलदार की मौत, पंजे में लंबे समय से लगी थी चोट
राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज में नीलकंठ मंदिर के पैदल मार्ग पर दो वर्षीय गुलदार की मौत हो गई।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज में नीलकंठ मंदिर के पैदल मार्ग पर एक गुलदार की मौत हो गई। मौत का कारण गुलदार के पिछले पंजे में लंबे समय से लगी चोट को बताया जा रहा है। वह बीमार था और बीती रात ही यहां गुफा में आ गया था। वन क्षेत्राधिकारी गौहरी रेंज धीर सिंह ने बताया कि पिछले कुछ समय से करीब तीन वर्षीय एक गुलदार क्षेत्र में जख्मी हालत में था। वन विभाग लगातार उसकी निगरानी कर रहा था। 

उन्होंने बताया कि गुलदार के पिछले पंजे पर गहरा घाव बन गया था, जिससे वह चलने फिरने में असमर्थ था। उन्होंने बताया कि शनिवार देर रात गुलदार नीलकंठ पैदल मार्ग पर बाघखाला से ऊपर टाट वाले बाबा की गुफा के समीप आ गया था। वह काफी बीमार स्थिति में था। रविवार तड़के इस बीमार गुलदार ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में रविवार को चिकित्सकों की टीम ने नर गुलदार का पोस्टमार्टम किया, जिसके बाद गुलदार को जंगल में ही जला दिया गया है। 

नर हाथी के शव को पोस्टमार्टम के बाद दफनाया

राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज के अंतर्गत आपसी संघर्ष में मारे गए नर हाथी के शव को पोस्टमार्टम के बाद जंगल में ही दफना दिया गया है। गौहरी रेंज की कुनाऊं चौड़ ब्लॉक के जंगल में सड़क से करीब पांच किलोमीटर पहाड़ी क्षेत्र में बीते शनिवार को एक नर हाथी का शव वन विभाग की टीम ने बरामद किया था। मौके पर उपजे हालात को देखते हुए हाथी की मौत का कारण आपसी संघर्ष बताया गया था। संघर्ष के दौरान हाथी का पेट फट गया था।

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 रविवार को हरिद्वार रेंज से वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. अमित ध्यानी, राजा जी टाइगर रिजर्व से डॉ. ध्यानी के साथ वाइल्ड लाइफ सोसायटी के सदस्य विक्रम सिंह तोमर की टीम ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। चिकित्सक दल ने हाथी के शव का मौके पर पोस्टमार्टम किया। एक दांत वाले इस हाथी के दांत को सुरक्षित निकालकर राजाजी टाइगर रिजर्व मुख्यालय भिजवाया गया है। रेंज अधिकारी धीर सिंह ने बताया कि हाथी की शव को वहीं पर दफना दिया गया है। 

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