घूमने निकले दो छात्र भदराज पहाड़ी पर भूले रास्ता, जंगल में बितानी पड़ी रात

देहरादून जनपद के सहसपुर थाना क्षेत्र में बीएफआइटी शिक्षण संस्थान के दो छात्र घूमने के लिए ढलानी पहुंचे। इस दौरान वे पहाड़ी पर रास्‍ता भूल गए और उन्‍हें पूरी रात जंगल में बितानी पड़ी। आज गुरुवार को पुलिस ने उन्‍हें तलाश लिया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 08:21 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 10:23 PM (IST)
घूमने निकले दो छात्र भदराज पहाड़ी पर भूले रास्ता, जंगल में बितानी पड़ी रात
घूमने निकले दो छात्र भदराज पहाड़ी पर भूले रास्ता, जंगल में बितानी पड़ी रात।

जागरण संवाददाता, विकासनगर (देहरादून)। बीएफआइटी इंस्टीटयूट के एमएससी के दो छात्र कालेज प्रबंधन को बिना बताए मंगलवार को भदराज ट्रेकिंग के लिए निकले और रास्ता भटकने पर जंगल में खो गए। भूखे प्यासे रात जंगल में ही बितानी पड़ी। एक तरफ बारिश तो दूसरी तरफ जंगल में जंगली जानवरों की डरावनी आवाजों ने दोनों को अंदर तक कंपा दिया। नेटवर्क न मिलने पर किसी को सूचना भी नहीं दे पाए। एक दोस्त को मैसेज किया, जो बुधवार को काफी देर से दोस्त के पास पहुंचा। इसके बाद पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने रेस्‍क्‍यू आपरेशन शुरू किया। बुधवार सायं सात बजे दोनों को सकुशल तलाश लिया गया।

बीएफआइटी सुद्धोवाला के एमएससी छात्र वैभव सिंह (23 वर्ष) पुत्र करण सिंह निवासी बेहट रोड नाजिरपुर जिला सहारनपुर उत्‍तर प्रदेश और श्रेयांश कुमार (23 वर्ष) पुत्र संतोष प्रसाद निवासी प्रहलाद घाट वाराणसी उत्तर प्रदेश मंगलवार को दोपहर में भदराज मंदिर जाने के लिए ट्रेकिंग पर निकले। दोनों पैदल रास्ते से कोटी ढलानी पहुंचे। कोटी ढलानी-भदराज जाने वाले पैदल रास्ते पर जैसे ही आगे पहुंचे कि अचानक बारिश शुरू हो गई। भारी बारिश के चलते भूस्खलन होने पर दोनों जंगल के दूसरे रास्ते से भदराज जाने लगे कि अचानक दोनों छात्र रास्ता भटक गए। रास्ता भटकने पर दोनों को डर भी लगने लगा, वहीं मोबाइल के नेटवर्क न आने पर उनकी परेशानी और बढ़ गई। वैभव ने फोन से अपने दोस्त को मैसेज किया, लेकिन नेटवर्क न होने से मैसेज तुरंत नहीं पहुंचा। दोनों छात्र पहाड़ में सही रास्ता तलाशते रहे, लेकिन तब तक रात हो गई, दोनों के पास खाने का सामान भी खत्म हो गया। दोनों के पास ठंड से बचने को विंडचिटर थे, जो बारिश के चलते भीग गए। देर रात तक दोनों छात्रों के संस्थान न पहुंचने पर उनके नंबर मिलाए गए, लेकिन कोई संपर्क नहीं हुआ। रातभर दोनों छात्र भूखे प्यासे वहीं फंसे रहें। जब फोन का नेटवर्क आया तो मैसेज उसके दोस्त के पास पहुंचा। दोस्त ने इसकी सूचना संस्थान को दी। जिसके बाद सहसपुर थानाध्यक्ष नरेंद्र गहलावत, एसडीआरएफ की टीम कोटी ढलानी पहुंची और रेस्‍क्‍यू आपरेशन शुरू किया। टीम ने जंगल के रास्ते के जानकार स्थानीय युवक राज दीप रावत, मंयक, कुलदीप, आयुश, आकाश आजाद, रमेश, विशेष, आदित्य

की मदद ली। पुलिस को छात्रों की लोकेशन नहीं मिली। इस पर पुलिस ने ग्रामीणों की मदद लेकर रौद्र रूप धारण किए कोट नदी को पार किया। कुछ बकरी चुगाने वाले ग्रामीणों को जंगल में बहुत ही दुर्गम जगह पर छात्र श्रेयांश व वैभव दिखाई दिए। जिस पर ग्रामीणों ने दोनों को बचाने के लिए पुलिस व एसडीआरएफ के आने से पहले ही रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीण छात्रों को बचाने में सफल रहे। ग्रामीण दोनों छात्रों को सकुशल पैदल रास्ते पर लेकर पहुंचे, तब तक पुलिस व एसडीआरएफ की संयुक्त टीम भी मौके पर पहुंच गयी और छात्रों को सकुशल पाकर राहत की सांस ली। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने कोटी ढलानी पहुंचकर दोनों छात्रों से पूरा घटनाक्रम जाना। दोनों छात्रों के सुरक्षित रेस्क्यू कर सकुशल बचाए जाने पर कहा कि वह सरकार से युवाओं को सम्मानित कराने का आग्रह करेंगे।

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