2005 से सेवानिवृत्त दैनिक वेतनभोगियों की पेंशन को समिति गठित, कैबिनेट की बैठक में हुई चर्चा

कैबिनेट ने प्रदेश में वर्ष 2005 से पूर्व राजकीय विभागों में कार्यरत कार्यप्रभारित दैनिक वेतन अंशकालिक संविदा नियत वेतन व तदर्थ कार्मिकों को पेंशन देने के लिए निर्णय लेने को कैबिनेट मंत्री डा. रावत हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:05 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:57 PM (IST)
2005 से सेवानिवृत्त दैनिक वेतनभोगियों की पेंशन को समिति गठित, कैबिनेट की बैठक में हुई चर्चा
गुरुवार को गैरसैंण में हुई कैबिनेट की बैठक में दो बिंदुओं पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण:  कैबिनेट ने प्रदेश में वर्ष 2005 से पूर्व राजकीय विभागों में कार्यरत कार्यप्रभारित, दैनिक वेतन, अंशकालिक, संविदा, नियत वेतन व तदर्थ कार्मिकों को पेंशन देने के लिए निर्णय लेने को कैबिनेट मंत्री डा. रावत हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है। इसमें कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व सुबोध उनियाल सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा कैबिनेट ने राजस्व परिषद के अंतर्गत एक निसंवर्गीय सदस्य न्यायिक पद के सृजन तथा आयुक्त एवं सचिव राजस्व को न्यायिक के दायित्वों से मुक्त करने का निर्णय लिया। 

गुरुवार को गैरसैंण में हुई कैबिनेट की बैठक में दो बिंदुओं पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। विधानसभा सत्र के कारण कैबिनेट के फैसलों की ब्रीफिंग नहीं की गई। सूत्रों के मुताबिक 2005 से पूर्व सेवानिवृत्त विभिन्न विभागों में कार्यरत रहे कार्यप्रभारित, दैनिक वेतन, अंशकालिक कार्मिकों राजकीय कार्मिकों की भांति सभी कार्मिकों द्वारा सेवानिवृत्ति के लाभ मांगे जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न न्यायालयों में वाद भी चल रहे हैं। इसके लिए पेंशन की अर्हकारी सेवा तय करने समेत अन्य प्रविधानों के लिए उत्तराखंड पेंशन अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण विधेयक बनाया जाना प्रस्तावित है।

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कैबिनेट ने निर्णय लिया की पहले इसके परीक्षण के लिए एक कैबिनेट समिति का गठन कर लिया जाए। यह समिति पूरे विषय पर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। इसके अलावा कैबिनेट ने राजस्व परिषद में एक और सदस्य, यानी सदस्य न्यायिक पद के सृजन को स्वीकृति प्रदान की। यह स्पष्ट किया गया है कि अभी तक जो सदस्य न्यायिक का दायित्व देख रहे थे, उन्हें इस दायित्व से मुक्त कर दिया जाए। 

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