ऋषिकेश में एम्स से निष्कासित दो महिला कर्मी पानी की टंकी पर चढ़ी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश से निकाली गई दो युवतियां रेलवे स्टेशन जीआरपी चौकी के समीप स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गईं।

By BhanuEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 10:30 AM (IST) Updated:Sat, 27 Apr 2019 08:02 AM (IST)
ऋषिकेश में एम्स से निष्कासित दो महिला कर्मी पानी की टंकी पर चढ़ी
ऋषिकेश में एम्स से निष्कासित दो महिला कर्मी पानी की टंकी पर चढ़ी

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में दो महिला आउटसोर्स कर्मचारी नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ शुक्रवार की सुबह रेलवे स्टेशन के समीप पानी की टंकी पर चढ़ गई। करीब 13 घंटे बाद एम्स के उप निदेशक प्रशासन अंशुमान गुप्ता व पीआरओ डॉ. हरीश थपलियाल वार्ता के लिए मौके पर पहुंचे। गुस्साए लोगों ने इनका घेराव कर इन्हें जबरन वहीं रोक दिया। पुलिस ने बलपूर्वक आंदोलनकारियों से दोनों अधिकारियों को छुड़वाया। इस दौरान पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक व धक्कामुक्की हुई। देर सायं दोनों पक्षों के बीच सीओ कार्यालय में वार्ता जारी थी।

एम्स निष्कासित कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने एम्स प्रशासन के खिलाफ 59 दिन पूर्व धरना शुरू किया था। शुक्रवार की सुबह करीब पौने पांच बजे एम्स से निष्कासित मनीषा वर्मा पत्नी सतीश चंद्र शर्मा निवासी आशुतोष नगर व कंचन कुमारी पुत्री सोहन लाल निवासी आवास विकास कालोनी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन जीआरपी पुलिस चौकी के समीप पानी की टंकी पर चढ़ गई। इनके समर्थन करीब एक दर्जन महिलाएं टंकी की सीढ़ियों पर बैठ गई। सूचना पाकर वहां आंदोलनकारियों का एकत्र होना शुरू हो गए। तहसीलदार रेखा आर्य मौके पर पहुंची।

 

आंदोलनकारी महिलाओं ने बकायदा शपथ पत्र पर इस बात की घोषणा की कि उन्हें एम्स निदेशक ने यह कदम उठाने पर मजबूर किया है। उन्हें कुछ होता है तो पूरी जिम्मेदारी एम्स निदेशक और जिलाधिकारी की होगी। सुबह करीब ग्यारह बजे उप जिलाधिकारी प्रेमलाल मौके पर पहुंचे। मगर, बिना बहाली आदेश जारी किये दोनों आंदोलनकारियों ने नीचे उतरने से इंकार कर दिया।

करीब बारह घंटे ऐसे ही बीत गये। बाद में सायं करीब छह बजे एम्स के उप निदेशक प्रशासन अंशमान गुप्ता और जन संपर्क अधिकारी डॉ. हरीश थपलियाल मौके पर पहुंचे। आंदोलनकारियों की ओर से पार्षद राकेश सिंह मिया, राजेंद्र बिष्ट, जगत सिंह नेगी, ज्योति सजवाण, कपिल गुप्ता, अरविंद हटवाल, दीपक रयाल आदि ने उनके साथ बात की। उप निदेशक ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिध मंडल को एम्स निदेशक से वार्ता के लिए एम्स में आने को कहा। आंदोलनकारी निदेशक को मौके पर ही बुलाने की मांग करने लगे।

मामला बिगड़ता देख पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र सिंह रावत फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। इस बीच हालात को भांप कर उप निदेशक व पीआरओ वहां से जाने लगे। आंदोलनकारी जयेंद्र रमोला, ज्योति सजवाण, राजेंद्र बिष्ट, जगत सिंह, अजीत सिंह गोल्डी आदि ने पीछा कर रेलवे स्टेशन के समीप इन्हें घेर लिया। एसएसपी कार्यालय में दोनों अधिकारियों को बंधक बनाए जाने की सूचना पहुंचने पर कोतवाल रीतेश शाह वहां पहुंचे और उन्होंने उप निदेशक अंशुमान गुप्ता को हाथ पकड़कर भीड़ से बाहर निकाला। इस बीच आंदोलनकारियों ने फिर इन्हें रोक दिया।

पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें अपनी गाड़ी में एम्स तक छोड़ा इस बीच पीआरओ हरीश थपलियाल आंदोलनकारियों से घिर गए। पुलिस ने किसी तरह समझाबुझा कर उन्हें सीओ कार्यालय पहुंचाया। यहां आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम और सीओ की उपस्थिति में वार्ता करनी चाही तो एम्स से सक्षम अधिकारी ने ऐसे हालात में यहां आने से इंकार कर दिया। बाद में आंदोलनकारियों की ओर से मांग पत्र लेकर जिलाधिकारी और सीओ एम्स प्रशासन से वार्ता के लिए रवाना हुए। पंद्रह घंटे बीत जाने के बाद भी रात्रि आठ बजे तक दोनों आंदोलनकारी महिलाएं टंकी पर ही चढ़ी थी। मौके पर नगर निगम की महापौर अनीता ममगाई पार्षदों और आंदोलनकारियों के साथ वहीं जमी रही। 

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