पावर बैंक ठगी प्रकरण में तमिलनाडु से दो गिरफ्तार, आरोपितों के खातों से करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये अन्य खातों में भेजे गए

उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पावर बैंक ठगी मामले में दो आरोपितों को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। इन दोनों के बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम के लेन-देन के लिए किया जाता था बदले में उन्हें कमीशन मिलता था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 10:03 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 12:29 AM (IST)
पावर बैंक ठगी प्रकरण में तमिलनाडु से दो गिरफ्तार, आरोपितों के खातों से करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये अन्य खातों में भेजे गए
करोड़ों के पावर बैंक एप फ्रॉड मामले में दो आरोपित तमिलनाडु से गिरफ्तार।

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पावर बैंक ठगी मामले में दो आरोपितों को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। इन दोनों के बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम के लेन-देन के लिए किया जाता था, बदले में उन्हें कमीशन मिलता था। एसटीएफ गुरुवार को आरोपितों को तमिलनाडु में सालेम की जिला अदालत में पेश कर चार दिन का रिमांड मांगा। अदालत ने रिमांड मंजूर कर लिया। दोनों को लेकर एसटीएफ देहरादून के लिए चल दी है। एसटीएफ के अनुसार, आरोपितों के खातों से करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये अन्य खातों में भेजे गए।

एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि साइबर ठगों ने पावर बैंक व अन्य फर्जी एप के माध्यम से निवेश कर 15 दिन में पैसे दोगुना लौटाने का लालच देकर उत्तराखंड के कई नागरिकों से धोखाधड़ी की थी। ठगों ने रकम ई-वालेट के माध्यम से प्राप्त कर विभिन्न बैंक खातों में जमा करवाई थी। खातों की जानकारी लेने के दौरान पता चला कि ठगी की रकम में से कुछ धनराशि तमिलनाडु के जिला इरोड निवासी मुरगानंदम बीआर व कौड़ी स्ट्रीट नमक्काल निवासी के. गोकुलवंदन के खाते में भेजी गई। इस पर एक टीम तमिलनाडु भेजी गई, वहां से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

एसटीएफ एसएसपी के अनुसार, पड़ताल में सामने आया कि साइबर ठग दोनों आरोपितों के बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम जमा करवाने और इसके बाद इसे अन्य खातों में विदेश ट्रांसफर कराने के लिए करते थे। अभी तक इन खातों से साढ़े नौ करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। आरोपित इसकी एवज में कमीशन लेते थे। उन्होंने बताया ठगी प्रकरण में उत्तराखंड में अब तक 30 बैंक खातों का पता लगाया गया है। इनसे संबंधित बैंक प्रबंधकों को पत्र जारी कर जवाब मांगा गया है। इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की जांच में 14 आरोपितों के नाम सामने आए हैं। इनमें से चार को गिरफ्तार किया जा चुका है। दस अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। एक की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से संपर्क किया गया है।

देश में दर्ज 239 मुकदमों में 27 आरोपितों की हो चुकी है गिरफ्तारी

एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि पिछले दिनों कुछ ठगों ने पावर बैंक एप के माध्यम से धनराशि दोगुना करने का लालच देकर दिल्ली समेत देश के कई शहरों में धोखाधड़ी की। गिरोह के तार चीन से जुड़े होने का पता चला था। इस प्रकरण में देशभर में दर्ज करीब 239 मुकदमे दर्ज हैं। विभिन्न राज्यों से 27 आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। अब तक लगभग 350 करोड़ से ज्यादा की ठगी का पता चल चुका है। यह रकम बढ़ भी सकती है। ठगी में विदेशी नागरिकों व कंपनियों के जुड़े होने के साक्ष्य मिलने के चलते राष्ट्रीय जांच एजेंसियों सीबीआइ, आइबी व ईडी से भी समन्वय कर सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस ठगी में इस्तेमाल किए गए एप के अलावा कुछ संदिग्ध एप की जानकारी मिली है। इनके जरिये ऑनलाइन तमाम उत्पाद बेचने के ऑफर दिए जा रहे हैं। ऐसे एप की जांच भी की जा रही है।

20 सीए के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति

एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि पावर बैंक एप ठगी प्रकरण में दिल्ली निवासी 20 चार्टेड अकाउंटेंट की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। उन पर चीनी नागरिकों के संपर्क में आकर फर्जी सेल कंपनी खोलकर निवेश के नाम पर ठगी करने का आरोप है। इन सभी की सूची इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर को भेजी गई है।

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