PICS: इस टीवी अभिनेत्री ने उत्‍तराखंड के शिव मंदिर में रचाई शादी, मान्‍यता है इसी मंदिर में हुआ था शिव-पार्वती का विवाह

अभिनेत्री निकिता शर्मा और बिजनेसमैन रोहनदीप सिंह ने 14 नवंबर को इगास (एकादशी) पर्व पर भगवान शिव व माता पार्वती के प्रणय स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर में गुपचुप तरीके से सात फेरे लिए। शादी महज परिवारीजन और चंद दोस्तों की मौजूदगी में हुई।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 09:56 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 09:56 PM (IST)
PICS: इस टीवी अभिनेत्री ने उत्‍तराखंड के शिव मंदिर में रचाई शादी, मान्‍यता है इसी मंदिर में हुआ था शिव-पार्वती का विवाह
निकिता शर्मा ने रोहनदीप संग त्रिजुगीनारायण में गुपचुप रचाई शादी।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। छोटे पर्दे की अभिनेत्री निकिता शर्मा और बिजनेसमैन रोहनदीप सिंह ने 14 नवंबर को इगास (एकादशी) पर्व पर भगवान शिव व माता पार्वती के प्रणय स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर में गुपचुप तरीके से सात फेरे लिए। महज परिवारीजन और चंद दोस्तों की मौजूदगी में हुई इस शादी के बारे में तब जाकर पता चला, जब 15 नवंबर को निकिता ने शादी की तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर कीं।

शादी के दौरान निकिता लाल साड़ी पहने हुए थी। इंस्टाग्राम पर तस्वीर साझा करते हुए निकिता ने लिखा कि महादेव के आशीर्वाद से नए जीवन की शुरुआत कर रही हूं। शादी की खबर सुनने के बाद लोग उनके खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना कर रहे हैं।

कलर्स पर प्रसारित धारावाहिक 'स्वरागिनी' में निकिता संस्कार की पूर्व प्रेमिका कविता का किरदार निभा रही। निकिता 'दो दिल एक जान', 'शक्ति' और 'फिर लौट आई नागिन' जैसे धारावाहिकों में अभिनय कर चुकी हैं। लोक मान्यता के अनुसार त्रियुगीनारायण मंदिर में ही अग्निकुंड को साक्षी मानकर माता पार्वती और भगवान शिव ने भी सात फेरे लिए थे। इस कुंड में आज भी अग्नि प्रज्वलित है।

बरसोली में मनाया जाएगा व्रत तोड़ पर्व

पौड़ी के हिसरियाखाल क्षेत्र के बरसोली गांव में व्रत तोड़ पर्व को पारम्परिक रूप से धूमधाम के साथ मनाया गया। शारदा नेगी और भैरवनाथ का पूजन कर क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना श्रद्धालुओं ने की। इस अवसर पर रस्साकस्सी का भी आयोजन किया गया।

इगास के अगले दिन द्वादशी तिथि को बरसोली गांव में व्रत तोड़ पर्व मनाया गया। मेधनीधर उनियाल, देवाधर उनियाल, कुशलानंद बडोनी ग्रामीणों ने बताया कि द्वादशी पर निर्धारित स्थान से बाबला घास लाकर लगभग 50 मीटर लंबा एक मोटा रस्सा भी बनाया जाता है।

इसे पानी के प्राकृतिक स्रोत से नहलाने के बाद उस रस्से के करीब दस मीटर के हिस्से को मां शारदा के मंदिर में लपेटा जाता है। मंदिर में हवन पूजन के बाद शेष रस्सी के साथ रस्साकस्सी खेल खेला जाता है। इस मौके पर ग्राम प्रधान राजेश्वरी देवी और नत्थीराम उनियाल, माधवानंद उनियाल, पंकज उनियाल, प्रवीण उनियाल, सुभाष बडोनी, द्वारिका प्रसाद पांडे मौजूद रहे।

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