त्रिवेणी घाट और परमार्थ की गंगा आरती हुई प्रतीकात्मक, कोरोना के बढ़ते मामलों को देख उठाया गया कदम
पौड़ी गढ़वाल के नीलकंठ नोडल क्षेत्र में शामिल लक्ष्मणझूला ब्लॉक के अतिरिक्त मुनिकीरेती और ऋषिकेश में कोरोना संक्रमण के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। जिसको देखते हुए परमार्थ निकेतन परिवार ने आवश्यक कदम उठाए हैं। यहां होने वाली गंगा आरती को प्रतीकात्मक कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। पौड़ी गढ़वाल के नीलकंठ नोडल क्षेत्र में शामिल लक्ष्मणझूला ब्लॉक के अतिरिक्त मुनिकीरेती और ऋषिकेश में कोरोना संक्रमण के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। जिसको देखते हुए परमार्थ निकेतन परिवार ने आवश्यक कदम उठाए हैं। यहां होने वाली गंगा आरती को प्रतीकात्मक कर दिया गया है। त्रिवेणी घाट और शत्रुघ्न घाट में भी आरती प्रतीकात्मक कर दी गई है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने प्रदेश ही नहीं बल्कि तीर्थनगरी क्षेत्र में पढ़ रहे संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए आमजन से गाइडलाइन के पालन का आह्वान किया है उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है इसलिए परमार्थ घाट पर प्रतिदिन होने वाली आरती को रविवार से प्रतीकात्मक कर दिया गया है जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक आरती प्रतीकात्मक ही रहेगी।
उधर, स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि रविवार को लक्ष्मणझूला ब्लॉक में जो 25 मामले सामने आए हैं, उनमें अधिसंख्य लोग परमार्थ निकेतन और आसपास क्षेत्र के शामिल हैं। कुछ व्यक्तियों में बुखार की शिकायत मिलने पर विभाग की ओर से समूचे क्षेत्र में जांच अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि उप जिलाधिकारी यमकेश्वर मनीष कुमार के आदेश पर संबंधित क्षेत्र को कंटेनमेंट बना दिया गया है।
वहीं, दूसरी ओर मुनिकीरेती के शत्रुघन घाट में सांध्य कालीन आरती को भी प्रतीकात्मक कर दिया गया है। शत्रुघ्न मंदिर के महंत मनोज प्रपन्नाचार्य ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। संक्रमण का असर त्रिवेणी घाट में होने वाली गंगा आरती पर भी पड़ा है।
गंगा महासभा के महामंत्री पंडित धीरेंद्र जोशी ने बताया कि कोविड कर्फ्यू को देखते हुए रविवार को सिर्फ एक ब्राह्मण ने गंगा आरती की। सोमवार से यहां सीमित ब्राह्मण ही बिना शिष्यों के गंगा आरती करेंगे। आरती स्थल पर सीमित संख्या में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालु बैठेंगे। सार्वजनिक रूप से गंगा आरती का प्रसाद वितरण भी रोक दिया गया है।
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