कैबिनेट बैठक : मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना पर कैबिनेट की मंजूरी

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हजारों महिलाओं को पशु चारे के लिए न तो मीलों पैदल चलना होगा और न ही चारे का बोझ ढोना पड़ेगा। महिलाओं को इस बोझ से निजात दिलाने के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संकल्प को चुनावी वर्ष में सरकार ने पूरा कर दिया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 10:19 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 05:48 PM (IST)
कैबिनेट बैठक : मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना पर कैबिनेट की मंजूरी
उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हजारों महिलाओं को पशु चारे के लिए न तो मीलों पैदल चलना होगा और न ही चारे का बोझ ढोना पड़ेगा। महिलाओं को इस बोझ से निजात दिलाने के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संकल्प को चुनावी वर्ष में सरकार ने पूरा कर दिया। मंत्रिमंडल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को मंजूरी दी। इस योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में दूरस्थ ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों के पशुपालकों को पैक्ड सायलेज, संपूर्ण मिश्रित पशु आहार (टीएमआर) उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। सायलेज उत्पादन एवं विपणन संघ लिमिटेड (एसआइएफइडी) इस योजना को संचालित करेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरुवार को उनके आवास पर मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में सात बिंदुओं पर निर्णय लिए गए। विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने की वजह से मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के क्रियान्वयन को अगले वित्तीय वर्ष में 16.78 करोड़ की धनराशि को स्वीकृति दी। योजना का लक्ष्य हासिल करने को मक्के की संयुक्त सहकारी खेती सायलेज, टीएमआर व पशुचारा उत्पादन इकाई की स्थापना एवं पशुपालकों को उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था बनाई गई है। 670 बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों, 1000 से अधिक राशन की दुकानों, सहकारी संस्थाओं, पशुपालन विभाग के चारा बैंक व अन्य स्थापित सरकारी विपणन केंद्रों का इस्तेमाल कर कुशल वितरण प्रणाली स्थापित की जाएगी।

कैबिनेट के फैसले:

मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को दी मंजूरी, घर में पहुंचाया जाएगा पशुचारा सहायताप्राप्त अशासकीय संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में कार्यरत 57 शिक्षकों को भी मानदेय देने पर मुहर जल जीवन मिशन के सुचारू संचालन को में दो पदों अपर परियोजना निदेशक (तकनीकी) और अधीक्षण अभियंता को मंजूरी वन भूमि पर दी गई लीज के नवीनीकरण और नई लीज की स्वीकृति को नीति निर्धारित, लीज के नवीनीकरण के दौरान वन भूमि का मूल्य बाजार मूल्य के अनुसार होगा संशोधित उत्तराखंड पुलिस दूरसंचार अधीनस्थ सेवा नियमावली-2021 को स्वीकृति, दस साल की सेवा पर बन उपनिरीक्षक बन सकेंगे निरीक्षक उत्तराखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (प्रोत्साहन एवं सुविधा) अधिनियम 2020 की धारा 87 में संशोधन, मंडी समिति में एक बार में नामित किए जा सकेंगे अध्यक्ष हरिद्वार में कोविड-19 के उपचार के लिए डेडीकेटेड 600 बेड के अस्पताल में 50 आइसीयू बेड का भी प्रविधान होगा

योजना का उद्देश्य:

चारा काटने के लिए महिलाओं को जंगल नहीं जाना पड़ेगा, हिंसक पशुओं और दुर्घटना से होगी जीवन रक्षा। फसल के अवशेषों और फारेज को वैज्ञानिक संरक्षण से राज्य में चारे की कमी दूर करना फसल के अवशेषों को जलाने के कारण होने वाले पर्यावरणीय दुष्परिणामों में कमी लाना सायलेज, टीएमआर या चारा ब्लाक रियायती दर पर उपलब्ध कराना योजना के तहत 2000 से अधिक किसान परिवारों को उनकी 2000 एकड़ से अधिक भूमि पर मक्का की सामूहिक सहकारी खेती से जोड़ना वर्ष 2021-22 में सायलेज व टीएमआर 10 हजार मीट्रिक टन उत्पादन और आपूर्ति का लक्ष्य।

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