आबकारी विभाग में एक जुलाई से शुरू होगी ट्रैक एंड ट्रेस व्यवस्था

आबकारी महकमा शराब कारोबार में हेराफेरी रोकने के लिए एक जुलाई से ट्रेक एंड ट्रेस व्यवस्था को धरातल पर उतारने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत वाहनों से शराब की सप्लाई से लेकर दुकानों में बिकने वाली शराब पर भी आनलाइन नजर रखी जा सकेगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 06:30 AM (IST)
आबकारी विभाग में एक जुलाई से शुरू होगी ट्रैक एंड ट्रेस व्यवस्था
आबकारी विभाग में एक जुलाई से शुरू होगी ट्रेक एंड ट्रेस व्यवस्था।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। आबकारी महकमा शराब कारोबार में हेराफेरी रोकने के लिए एक जुलाई से ट्रैक एंड ट्रेस व्यवस्था को धरातल पर उतारने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत वाहनों से शराब की सप्लाई से लेकर दुकानों में बिकने वाली शराब पर भी आनलाइन नजर रखी जा सकेगी।

प्रदेश में आबकारी सबसे अधिक राजस्व देने वाले महकमों में शामिल है। विभाग का इस वर्ष का राजस्व लक्ष्य 3500 करोड़ रुपये का है। सरकार को राजस्व देने के साथ ही आबकारी सबसे विवादित महकमा भी रहा है। यहां शराब की दुकानों व बार के लाइसेंस देने से लेकर शराब की आपूर्ति तक में हेराफेरी के आरोप लगते रहे हैं। इसके लिए नीति में हर बार बदलाव होता रहा है। लंबे समय से विभाग में पारदर्शी कार्य व्यवस्था बनाने की मांग की जा रही है। 

इस कड़ी में अब पूरे महकमे के कार्यों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा साफ्टवेयर भी तैयार कर लिया गया है। साफ्टवेयर के जरिये अभी शराब के लाइसेंस आनलाइन जारी करने का काम शुरू हो गया है। दुकानों की बोली लगाने से लेकर लाइसेंस देने की प्रक्रिया आनलाइन कर दी गई है। शराब की आपूर्ति भी अभी आनलाइन ही की जा रही है। अब दूसरे चरण में विभाग शराब की आपूर्ति में लगे वाहनों में जीपीएस लगाने की तैयारी कर रहा है। इन्हीं वाहनों से शराब की सप्लाई की जाएगी। वाहनों के रास्ता बदलने व कहीं भी रुकने के संबंध में पूरी जानकारी विभाग के पास रहेगी। 

गोदाम से लेकर दुकानों तक शराब पहुंचने के काम पर सीधे विभाग की नजर रहेगी। इसके साथ ही विभाग अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए क्यू आर कोड भी लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत गोदाम से शराब की बोतलों की निकासी से पहले हर बोतल पर एक क्यूआर कोड और होलोग्राम लगाया जाएगा। यह क्यूआर कोड कंप्यूटर पर दर्ज होगा। शराब की दुकानों में जांच के दौरान इस कोड को स्कैन किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि शराब उसी दुकान में बिक रही है, जहां के लिए आवंटित हुई है। होलोग्राम से यह पता चलेगा कि यह शराब उत्तराखंड में ही बिक्री के लिए है। इसके साथ ही दुकानों में अब बिक्री के बाद शराब का बिल देने की व्यवस्था की भी तैयारी है।

सचिव आबकारी सचिन कुर्वे ने कहा कि अप्रैल में गोदामों में नया माल आया है। यदि इनमें होलोग्राम व बारकोड लगाए जाते तो फिर बाजार में समय से इसकी आपूर्ति नहीं हाे सकती थी। इसलिए इस व्यवस्था को एक जुलाई से लागू किया जाएगा।

यह भी पढ़ें-कुंभ क्षेत्र मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला से हटेंगे शराब के ठेके

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी