कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन में कटे पेड़, मामले की रिपोर्ट केंद्र को भेजी
कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ कटाने के मामले में विभाग ने कहा वहां 163 पेड़ों के कटान की अनुमति मिली थी। इतने ही पेड़ों का कटान हुआ है। इसकी रिपोर्ट महानिदेशक वन और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को भेजी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ कटान को लेकर उठे विवाद के बाद विभाग ने साफ किया कि वहां 163 पेड़ों के कटान की अनुमति मिली थी और इन्हीं का कटान हुआ। 10 हजार पेड़ों के कटान का आरोप पूरी तरह से निराधार है। जांच के बाद रिपोर्ट महानिदेशक वन और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को भेज दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2019 में कार्बेट भ्रमण के दौरान वहां टाइगर सफारी की घोषणा की थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने इस घोषणा को धरातल पर उतारने के लिए कवायद शुरू की और फिर पाखरो में टाइगर सफारी के लिए 106 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई। वहां प्राकृतवास में बाघों के लिए दो बाड़े तैयार करने के साथ ही अन्य कार्य चल रहे हैं। सभी कार्य लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। इस बीच ये बात सामने आई कि पाखरो में टाइगर सफारी के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों पर आरी चला दी गई। आरोप यह तक लगा कि करीब 10 हजार पेड़ काटे गए हैं, जबकि अनुमति केवल 163 पेड़ों की थी।
यह भी पढ़ें:- Jungle Safari के शौकीनों के लिए बना नया टूरिस्ट जोन, कई वन्यजीवों का कर सकेंगे दीदार; 30 जून तक रहेगा खुला
पेड़ कटान का प्रकरण मीडिया में सुर्खियां बनने पर वन महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन कार्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन से मामले में रिपोर्ट तलब की गई। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पाखरो में टाइगर सफारी के लिए जितने पेड़ों के कटान की अनुमति ली गई थी और उतने ही काटे गए। सफारी के लिए इससे इतर कोई पेड़ नहीं काटा गया है।
यह भी पढ़ें:- पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज बोले, कार्बेट टाइगर रिजर्व में विकसित होगी मोदी ट्रेल