हेल्थ केयर वर्कर को प्रशिक्षित करेगा 'ट्रामा रथ'

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश की ओर से ट्रामा रथ रवाना किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 08:27 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 08:27 PM (IST)
हेल्थ केयर वर्कर को प्रशिक्षित करेगा 'ट्रामा रथ'
हेल्थ केयर वर्कर को प्रशिक्षित करेगा 'ट्रामा रथ'

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश की ओर से ट्रामा रथ रवाना किया गया। यह रथ सप्ताहभर तक राज्य के विभिन्न मेडिकल कालेजों और अस्पतालों में जाकर हेल्थ केयर वर्करों को आघात चिकित्सा के प्रति जागरूक कर दुर्घटनाओं में घायलों के उपचार को लेकर उन्हें प्रशिक्षित करेगा।

विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले पहाड़ी राज्य में आपदाओं के अलावा सड़क दुर्घटनाएं साल दर साल बढ़ रही हैं। इन सड़क दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष बड़ी संख्या में व्यक्तियों की जान चली जाती हैं। ट्रामा विशेषज्ञों के अनुसार सड़क दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए पहले तीन घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आमजन सहित हेल्थ केयर वर्कर को दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने और समय रहते उपचार की गहन तकनीक का पर्याप्त अनुभव होना चाहिए। इन्हीं उद्देश्यों को लेकर एम्स ऋषिकेश ने सप्ताहभर का एक राज्य स्तरीय वृहद कार्यक्रम आयोजित किया है।

सप्ताहभर के इस राज्यस्तरीय अभियान के तहत एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. अश्वनी कुमार दलाल, ट्रामा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम और गायनी विभाग की हेड प्रो. जया चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर एम्स के 'ट्रामा रथ' को रवाना किया। उधर, देहरादून में स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने ट्रामा रथ व टीम का स्वागत करते हुए ट्रामा रथ को आगे के लिए रवाना किया। उन्होंने इसे एम्स की ओर से एक बेहतर पहल बताया।

ट्रामा रथ के प्रभारी और एम्स के ट्रामा सर्जन डा. अजय कुमार व डा. मधुर उनियाल ने बताया कि यह कार्यक्रम एम्स ऋषिकेश और राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान ट्रामा रथ में मौजूद ट्रामा विशेषज्ञ व चिकित्सक राज्य के विभिन्न मेडिकल कालेजों और अस्पतालों में पहुंचकर हेल्थ केयर वर्कर तथा मेडिकल स्टूडेंट्स को ट्रामा के प्रति जागरूक कर उन्हें आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने बताया कि एम्स की पहल पर इस विषय पर राज्यभर के मेडिकल कालेज और चिकित्सा संस्थान एक ही मंच पर आए हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। 'डिस्बिलिटी एडजस्टेड लाइफ इयर' (डेली) पर फोकस यह कार्यक्रम 17 अक्टूबर को व‌र्ल्ड ट्रामा डे पर समाप्त होगा।

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