परिवहन विभाग ने निजी बस आपरेटरों को सहायता राशि का प्रस्ताव शासन को भेजा
कोरोना काल में कर्फ्यू के कारण खड़ी स्टेज कैरिज की बसों के संचालकों को परिवहन विभाग ने सहायता राशि देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें छह माह की टैक्स माफी व 10 से 15 हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव शामिल है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना काल में कर्फ्यू के कारण खड़ी स्टेज कैरिज की बसों के संचालकों को परिवहन विभाग ने सहायता राशि देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें छह माह की टैक्स माफी व 10 से 15 हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव शामिल है। विभाग के अनुसार आर्थिक सहायता सिर्फ उन बस आपरेटरों को मिलेगी, जिनकी बस मौजूदा हालात में 50 फीसद यात्री क्षमता के साथ संचालित हो रही हैं।
आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि स्टेज कैरिज के अंतर्गत संचालन करने वाले निजी बस आपरेटरों ने सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण के कारण 50 फीसद यात्री क्षमता के साथ वाहन संचालन की एवज में पिछले साल की तरह किराया दोगुना करने की मांग की थी। यह मांग पूरी ना होने पर ट्रांसपोर्टरों ने टैक्स माफ करने, आर्थिक सहायता प्रदान करने समेत बीमा राशि माफ करने की मांग की थी। मांग पूरी न होने पर ज्यादातर बस आपरेटरों ने बसों के परमिट सरेंडर कर दिए थे।
इस संबंध में अब परिवहन विभाग की ओर से स्टेज कैरिज के निजी बस आपरेटरों को सहायता राशि देने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। आरटीओ सैनी ने बताया कि ऐसी करीब 2800 बसें प्रदेश में हैं। इनमें सिटी बस, टीजीएमओ, केएमओ, विश्वनाथ सेवा, डाकपत्थर यूनियन आदि की बसें शामिल हैं। इनमें करीब 2000 बसें आनरोड रहती हैं। परिवहन विभाग ने इन्हें छह माह की टैक्स माफी और संचालन की सूरत में 10 से 15 हजार प्रतिमाह आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। आर्थिक सहायता राशि तब तक देने का प्रस्ताव दिया गया है, जब तक 50 फीसद यात्री क्षमता के साथ संचालन की व्यवस्था लागू रहेगी।
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