उत्तराखंड रोडवेज में बसों की चेंकिग में लापरवाह बने अफसरों के तबादले शुरू, पढ़िए पूरी खबर

बसों की चेकिंग के लिए नियुक्त अफसरों में उन पर कार्रवाई शुरू हो गई जो अपने कार्य के प्रति लापरवाह बने हुए थे। पिछले दिनों गढ़वाल क्षेत्र में चार बसों के बेटिकट पकड़े जाने का प्रकरण सामने आने के बाद ऐसे अफसरों को चिह्नित करने के आदेश दिए गए थे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:05 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:05 AM (IST)
उत्तराखंड रोडवेज में बसों की चेंकिग में लापरवाह बने अफसरों के तबादले शुरू, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड रोडवेज में बसों की चेंकिग में लापरवाह बने अफसरों के तबादले शुरू।

जागरण संवाददाता, देहरादून। रोडवेज में बसों की चेकिंग के लिए नियुक्त अफसरों में उन पर कार्रवाई शुरू हो गई है, जो अपने कार्य के प्रति लापरवाह बने हुए थे। पिछले दिनों गढ़वाल क्षेत्र में चार बसों के बेटिकट पकड़े जाने का प्रकरण सामने आने के बाद रोडवेज प्रबंध निदेशक ने ऐसे अफसरों को चिह्नित करने के आदेश दिए थे, जो सभी संसाधन होने के बाद भी बसों की चेकिंग पर नहीं जा रहे थे। इसी क्रम में मुख्यालय में बैठे यातायात अधीक्षक रामलाल पैन्यूली का सबसे पहले तबादला मंडलीय प्रबंधक कार्यालय काठगोदाम, नैनीताल किया गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कईं अफसर इस जद में आ सकते हैं।

कोरोना कर्फ्यू के कारण इस समय सीमित संख्या में रोडवेज बसों का संचालन केवल प्रदेश के भीतरी मार्र्गों पर चल रहा। गत दो माह से अंतरराज्यीय परिवहन पूरी तरह बंद है। ऐसे में रोडवेज पहले ही घाटे में है और उसके चालक-परिचालक बेटिकट बसों का संचालन का उसे और चूना लगा रहे। ऐसी शिकायत पर पिछले दिनों मंडल प्रबंधक ने अपनी विशेष टीम भेजकर बसें चेक कराईं तो ऋषिकेश डिपो की दो और पर्वतीय डिपो की दो बसें एक हफ्ते के अंतराल में पकड़ी गईं। रोडवेज ने बसों की चेकिंग के प्रवर्तन दल बनाए हुए हैं और बाकायदा वाहन की सुविधा भी दी हुई, इसके बावजूद अफसर बाहर नहीं निकल रहे, जबकि नियमानुसार हर प्रवर्तन अधिकारी को रोजाना 25 बसों को चेक करना अनिवार्य है। ऐसे लापरवाह अफसरों पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है।

दो साल में चार एमडी बदले

रोडवेज के प्रबंध निदेशक की कुर्सी बीते दो साल से बेहद कम समय के लिए किसी अधिकारी के पास टिक रही। इससे पूर्व कि अधिकारी निगम की गतिविधियों को समझें, उनका तबादला हो जा रहा। वर्ष 2019 की 18 फरवरी को सरकार ने आर राजेश कुमार को निगम का प्रबंध निदेशक बनाया व पांच माह बाद चार जुलाई को उन्हें यहां से हटा रणवीर सिंह चौहान को कमान सौंपी दी। वे 21 माह यहां रहे व छह अप्रैल 2021 को सरकार ने आशीष चौहान को यहां तैनाती दे दी। चौहान सवा दो माह इस पद पर रहे व अब शुक्रवार को सरकार ने उन्हें इस पद से हटाकर अभिषेक रूहेला को प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी सौंप दी।

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