क्षमता विकास प्रशिक्षण में पहुंचे 22 पंचायतों के प्रतिनिधि

चकराता प्रधानों ग्राम पंचायत सदस्यों और रेखीय विभाग के अधिकारी एवं कार्मिकों के प्रशिक्षण शिविर की बुधवार से शुरुआत हुई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 07:56 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 07:56 PM (IST)
क्षमता विकास प्रशिक्षण में पहुंचे 22 पंचायतों के प्रतिनिधि
क्षमता विकास प्रशिक्षण में पहुंचे 22 पंचायतों के प्रतिनिधि

संवाद सूत्र, चकराता: प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों और रेखीय विभाग के अधिकारी एवं कार्मिकों के क्षमता विकास को राजकीय इंटर कालेज अटाल में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत बुधवार से हुई। इसमें बृनाड़-बास्तील न्याय पंचायत से जुड़े 22 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन ब्लाक अधिकारियों और मुख्य प्रशिक्षक ने पंचायत में विकास योजनाओं के संचालन व क्रियान्वयन की जानकारी दी। कहा कि क्षमता विकास प्रशिक्षण से पंचायतों में विकास कार्य को गति मिलेगी।

पंचायतीराज मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार अभियान के अंतर्गत चकराता ब्लाक के बृनाड़-बास्तील न्याय पंचायत से जुड़े 22 पंचायतों का क्षमता विकास प्रशिक्षण शिविर गुरुवार को संपन्न होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अखिलेश कुमार ने कहा कि ग्रामीण विकास में वार्ड सदस्यों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। पंचायत के विकास कार्य को गति देने में उनकी सक्रियता काफी अहम है। मुख्य प्रशिक्षक डा. सुभाष चंद्र पुरोहित ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित सभी विकास योजनाओं का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य-2030 के 17 लक्ष्यों पर केंद्रित है। इसमें प्रमुखता से गरीबी उन्मूलन, भुखमरी की समस्या दूर करना, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, रोजगार सृजन, स्वाथ्य कल्याणकारी, सबको शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराना, लैंगिक समानता हासिल करना, जलवायु परिवर्तन एवं उसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्कालिक कार्रवाई करना शामिल है। पंचायतों को स्थानीय स्तर पर योजना निर्माण करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि हम उपरोक्त लक्ष्यों को हासिल कर सकें। प्रशिक्षक बीएस बिष्ट ने पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों के बराबर भागीदारी पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह महिलाओं के लिए स्वर्णिम अवसर है। पंचायतों में महिलाओं को उत्तराखंड राज्य में 50 फीसद सीटों पर निर्वाचित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। महिलाओं की बराबर भागीदारी से ग्रामीण विकास के सामाजिक ढांचे में पहले के मुकाबले परिवर्तन आया है। इससे महिलाओं की निर्णय एवं नेतृत्व क्षमता का विकास हुआ है। प्रशिक्षक एपी सेमवाल ने जीपीडीपी पर विचार रखते हुए कहा कि गांव स्तर पर जब भी किसी योजना का प्रस्ताव लाया जाता है, तो सभी वार्ड सदस्यों को विश्वास में लेकर उनकी सहमति से योजनाओं का नियोजन करना चाहिए।

प्रशिक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने ई-पंचायत के पहलुओं पर विस्तार से अपने विचार रखे और वर्तमान में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। इसके अलावा प्रधानों, पंचायत सदस्यों और रेखीय विभाग के कार्मिकों को पंचायतीराज अधिनियम, प्रचलित नियमावली, अधिप्राप्ति नियमावली, वित्तीय नियमों, लेखा परीक्षा प्रणाली, राज्य एवं केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास और अन्य विभागीय योजनाओं के संचालन, ई-पंचायत, ई-ग्राम स्वराज, पीएफएमएस, डीबीटी, जैव विविधता, प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना, सेवा का अधिकार, ग्रामपंचायत विकास योजना, ओआरएस और ठोस अवशिष्ट प्रबंधन नीति के बेहतर ढंग से क्रियान्वयन की जानकारी दी गई। इस दौरान अटाल के प्रधान जगदीश वर्मा, झिटाड के प्रधान श्याम सिंह, सैंज-तराणू की प्रधान प्रीति राणा, प्यूनल के प्रधान रामलाल, रडू के प्रधान अशोक, उपप्रधान जयकिशन, सुनीता, राकेश गौड़ आदि मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी