पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा- देवभूमि में धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप रखें आचरण
पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आठ साल पहले की हृदय विदारक केदारनाथ आपदा से हमें सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अनावश्यक रूप से प्रकृति के दोहन से बचें और देवभूमि में धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप अपना आचरण रखें।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आठ साल पहले की हृदय विदारक केदारनाथ आपदा से हमें सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अनावश्यक रूप से प्रकृति के दोहन से बचें और देवभूमि में धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप अपना आचरण रखें।
महाराज ने बुधवार को अपने कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में केदारनाथ आपदा में मारे गए व्यक्तियों को श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही। साथ ही उन परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई, जिन्होंने आपदा में स्वजन खोए। उन्होंने कहा कि जल प्रलय ने केदारघाटी में भारी तबाही मचाई थी। इसने बड़ी संख्या में परिवारों को पलायन के लिए मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केदारपुरी को संवारने के साथ ही पुनर्निर्माण कार्य जोरों पर चल रहे हैं। पहले की अपेक्षा अब केदारपुरी में काफी कुछ बदल गया है।
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डा हृदयेश और रावत को दी श्रद्धांजलि
विधानसभा में बुधवार को आयोजित शोकसभा में नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश और गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान विधानसभा के चार दिवंगत कार्मिकों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की गई।
शोकसभा में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने दिवंगत नेता प्रतिपक्ष हृदयेश और दिवंगत विधायक रावत के चित्रों पर पुष्प अर्पित किए। विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कुशल राजनीतिज्ञ के साथ ही प्रखर वक्ता और संसदीय परंपराओं की मर्मज्ञ थीं। सदन के संचालन के दौरान वह अभिभावक के रूप में मार्गदर्शक की भूमिका में रहती थीं। दिवंगत विधायक गोपाल रावत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र और समाज के लिए किए गए कार्यों के लिए रावत हमेशा याद रखे जाएंगे। इस अवसर पर हाल के दिनों में विधानसभा के चार कार्मिकों दिनेश मंद्रवाल, प्रियंका पटवाल, मीनूबाला और शाकिर खान के निधन पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गई।
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