Tokyo Olympics 2020: लड़कों की टीम के लिए भी हैट्रिक गर्ल ने मारे थे गोल, 29 साल की उम्र में खेल चुकी हैं 250 मैच

Tokyo Olympics 2020 टोक्यो ओलिंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गोल की हैट्रिक करने वाली वंदना कटारिया लड़कों के मैच में भी गोल कर चुकी हैं। जी हां वंदना ने लखनऊ हास्टल में कई बार लड़कों की टीम से खेलते हुए भी गोल किए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 01:01 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 02:59 PM (IST)
Tokyo Olympics 2020: लड़कों की टीम के लिए भी हैट्रिक गर्ल ने मारे थे गोल, 29 साल की उम्र में खेल चुकी हैं 250 मैच
लड़कों की टीम के लिए भी हैट्रिक गर्ल ने मारे थे गोल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Tokyo Olympics 2020 टोक्यो ओलिंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गोल की हैट्रिक करने वाली वंदना कटारिया लड़कों के मैच में भी गोल कर चुकी हैं। जी हां, वंदना ने लखनऊ हास्टल में कई बार लड़कों की टीम से खेलते हुए भी गोल किए हैं। यह बात वंदना की कोच पूनम लता ने बताई।

बकौल कोच पूनम लता 2004 में वंदना अपनी बड़ी बहन के साथ हाकी के सेंट्रल कैंप में अपनी बड़ी बहन रीना के साथ आई थी। उस समय ही मुझे लगा था कि इस खिलाड़ी में कुछ खास है। करियर के शुरुआती दिनों में ही वंदना लखनऊ हास्टल हाकी टीम की स्टार बन गई। हर मैच में वंदना टीम के लिए गोल करती थी। वंदना से जुड़ा एक खास पहलू भी है। हास्टल में रहते हुए उन्होंने कई बार लड़कों की टीम से भी खेला और दनादन गोल भी मारे। भारतीय टीम की कप्तान रानी रामपाल के बाद वंदना टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं।

29 साल की वंदना करीब ढाई सौ मैच खेल चुकी हैं। वंदना ने एक साक्षात्कार में कहा था कि बहन के साथ हाकी के सेंट्रल कोचिंग कैंप में शामिल होना मेरे करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। लखनऊ में चले कोचिंग कैंप में कोच नीलम सिद्दीकी ने लखनऊ हास्टल के लिए मेरा चयन किया। इसके बाद मेरी कोच पूनम लता मैम ने मेरी करियर को बुलंदियों तक पहुंचाया। उन्होंने मुझे ट्रेनिंग के अलावा वह सब कुछ दिया, जिसकी मुझे आवश्यकता थी।

हास्टल में रहते हुए 2009-10 में रहकर मैने जूनियर इंडिया टीम के लिए खेला और इसके बाद मुंबई सेंट्रल रेलवे में नौकरी लग गई। इस दौरान वर्ष 2011 में एशियन चैंपियन ट्राफी में पहली बार सीनियर भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिला और उसके बाद से यह सफर लगातार चल रहा है।

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