साक्या एकेडमी से भागे तीन छात्र पहुंचे दून, पूछताछ में बताई पूरी बात

साक्या एकेडमी से भागे तीन छात्र दून पहुंच गए हैं। एकेडमी की ओर से तीनों को वाहन से वापस लाया गया है। शाम करीब साढ़े सात बजे तीनों छात्रों को पहले राजपुर थाने में लाया गया जहां उनके बयान दर्ज किए गए।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:20 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 07:30 AM (IST)
साक्या एकेडमी से भागे तीन छात्र पहुंचे दून, पूछताछ में बताई पूरी बात
साक्या एकेडमी से भागे तीन छात्र पहुंचे दून, पूछताछ में बताई पूरी बात।

देहरादून, जेएनएन। साक्या एकेडमी से भागे तीन छात्र दून पहुंच गए हैं। एकेडमी की ओर से तीनों को वाहन से वापस लाया गया है। शाम करीब साढ़े सात बजे तीनों छात्रों को पहले राजपुर थाने में लाया गया, जहां उनके बयान दर्ज किए गए। बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने उन्हें दोबारा एकेडमी पहुंचा दिया है। छात्रों में से दो वेस्ट बंगाल, जबकि एक नेपाल का रहने वाला है। अब अन्य छात्रों के साथ इन्हें भी उनके घर पहुंचाया जाएगा।

राजपुर थाना के एसओ राकेश शाह ने बताया कि तीनों छात्र सुरक्षित एकेडमी छोड़ दिया गया है। पूछताछ में तीनों ने बताया कि वह घर जाना चाहते थे, लेकिन एकेडमी प्रबंधन की ओर से उन्हें घर नहीं भेजा गया। ऐसे में तीनों ने 26 अक्टूबर को कैब बुक कराई और देहरादून से बनवसा पहुंच गए। बनवसा में पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह दून की साक्या एकेडमी से आए हैं। नेपाल और वेस्ट बंगाल जाने के लिए कोई दस्तावेज न होने के कारण पुलिस ने उन्हें थाने में बैठा दिया और दून पुलिस से संपर्क किया।

बता दें कि बीते रोज देहरादून के एक संस्थान में छात्रों के उत्पीड़न का मामला सामने आया था। आरोप है कि छुट्टी का प्रार्थनापत्र लेकर गए बच्चों की पिटाई की गई। इतना ही नहीं, उन्हें यातनाएं भी दी गईं। इनमें से चार बच्चे जख्मी हुए हैं। पिटाई के डर से सात बच्चे संस्थान से भाग गए। जख्मी बच्चों ने अपनी तस्वीरें नेपाल में स्वजनों को भेजीं। इंटरनेट मीडिया पर मामला उछलने के बाद पुलिस वहां पहुंची और प्रबंधन से पूछताछ की। हालांकि पुलिस ने मारपीट से इनकार किया है। पुलिस अधीक्षक (नगर) श्वेता चौबे ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। दूसरी ओर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। इस बीच उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया। आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी संस्थान पहुंचीं और पीड़ित बच्चों से बातचीत की। 

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