पीएम-किसान में सम्मानित होंगे राज्य के तीन जिले, पढ़िए पूरी खबर
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) में उत्तराखंड ने भी छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत बेहतर कार्य करने वाले राज्य के तीन जिलों देहरादून नैनीताल व ऊधमसिंहनगर को अलग-अलग श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) में उत्तराखंड ने भी छाप छोड़ी है। योजना के तहत बेहतर कार्य करने वाले राज्य के तीन जिलों देहरादून, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर को अलग-अलग श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा। योजना की द्वितीय वर्षगांठ पर बुधवार को दिल्ली में कृषि भवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री के हाथों यह सम्मान प्रदान किए जाएंगे। मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में हुई कृषि अवसंरचना निधि की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। मुख्य सचिव ने इस निधि के अंतर्गत सभी जिलों को अपने प्रस्तावों की डीपीआर मार्च के पहले सप्ताह तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान सचिव कृषि हरबंस सिंह चुघ ने जानकारी दी कि पीएम-किसान योजना में पर्वतीय राज्यों की श्रेणी में आधार के माध्यम से किसानों को भुगतान के लिए ऊधमसिंहनगर, समस्याओं के निस्तारण के लिए नैनीताल और भौतिक सत्यापन के लिए देहरादून को सम्मानित किया जाएगा। इन जिलों के मुख्य कृषि अधिकारियों के अलावा संबंधित जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बुधवार को दिल्ली में यह सम्मान ग्रहण करेंगे।
कृषि अवसंरचना निधि की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए तेजी से कार्य किए जाएं। उन्होंने मार्च के पहले सप्ताह तक जिलों से अपने प्रस्तावों की डीपीआर प्रस्तुत करने और इनमें इनोवेटिव प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर विकसित करने में भी यह योजना कारगर सिद्ध हो सकती है। सभी जिलों को इस पर फोकस करना होगा। उन्होंने योजना में बड़े प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में अधिक संभावनाएं हैं।
मुख्य सचिव ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 1.89 करोड़ के लक्ष्य के 4.67 करोड़ के प्रस्ताव भेजने पर पौड़ी जिले की सराहना की। उन्होंने कहा कि जो जिले अच्छा कार्य कर रहे हैं, उनके लिए लक्ष्यों को बढ़ाया जाए। कृषि सचिव चुघ ने बताया कि कृषि अवसंरचना निधि के तहत फसलों के प्रबंधन, अवसंरचना और सामुदायिक संपत्ति के लिए गोदामों, छंटाई-ग्रेडिंग इकाइयां, पैकिंग हाउस का निर्माण, लाजिस्टिक व कोल्ड चेन, वेयर हाउस की स्थापना जैसे कार्यों के लिए ऋण सुविधा प्रदान की जाती है। इसमें ब्याज पर तीन फीसद की छूट सात वर्ष तक उपलब्ध रहेगी। दो करोड़ तक के ऋण के लिए गारंटी लागत सरकार द्वारा व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए राज्य में 157 करोड़ का लक्ष्य है।
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