जांच में शामिल नहीं होंगे वे अधिकारी, जिन्होंने बांटी थी साइकिलें

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से सभी जिलों में वर्ष 2017 से 2020 तक बांटी गई साइकिलों के वितरण में अनियमितता की श्रम विभाग द्वारा कराई जा रही जांच में वे अधिकारी शामिल नहीं होंगे जिन्होंने साइकिलें बंटवाई थीं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:05 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:05 AM (IST)
जांच में शामिल नहीं होंगे वे अधिकारी, जिन्होंने बांटी थी साइकिलें
जांच में शामिल नहीं होंगे वे अधिकारी, जिन्होंने बांटी थी साइकिलें।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से सभी जिलों में वर्ष 2017 से 2020 तक बांटी गई साइकिलों के वितरण में अनियमितता की श्रम विभाग द्वारा कराई जा रही जांच में वे अधिकारी शामिल नहीं होंगे, जिन्होंने साइकिलें बंटवाई थीं। बोर्ड के अध्यक्ष के आग्रह पर शासन ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। सचिव श्रम हरबंस सिंह चुग ने इसकी पुष्टि की।

कर्मकार कल्याण बोर्ड के पिछले बोर्ड के कार्यकाल में प्रदेश के सभी जिलों में श्रमिकों को साइकिलें वितरित की गई थीं। नए बोर्ड का गठन होने के बाद पिछले वर्ष ये बात सामने आई कि साइकिल वितरण में भारी अनियमितता बरती गई। जिलों में ऐसे व्यक्तियों को भी साइकिलें बांट दी गईं, जो इसके लिए पात्र ही नहीं थे। श्रम विभाग इस प्रकरण की जांच कर रहा है।

प्रकरण में नया मोड़ तब आया, जब हाल में ही बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने विभाग द्वारा कराई जा रही जांच पर अविश्वास जताया। उन्होंने श्रम सचिव को पत्र भेजकर कहा कि साइकिल वितरण का कार्य श्रम विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। अब उन्हीं के माध्यम से जांच कराने से इसकी निष्पक्षता पर संदेह है। उन्होंने मांग की थी कि यह जांच किसी अन्य एजेंसी से कराई जाए अथवा जिन अधिकारियों ने साइकिलें बंटवाई उन्हें जांच में शामिल न किया जाए। अब शासन ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।

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