सहानुभूति की लहर की काट को एंटी इनकंबेंसी पर भरोसा
सल्ट उपचुनाव में भाजपा के सहानुभूति लहर के दांव की काट को कांग्रेस एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को धार दे रही है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत तमाम दिग्गजों ने पूरी ताकत झोंकी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सल्ट उपचुनाव में भाजपा के सहानुभूति लहर के दांव की काट को कांग्रेस एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को धार दे रही है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत तमाम दिग्गजों ने पूरी ताकत झोंकी। प्रमुख प्रतिपक्षी दल को उम्मीद है कि एंटी इनकंबेंसी को मुखर करने की उसकी रणनीति उपचुनाव में उसकी मुराद पूरी करेगी।अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधानसभा क्षेत्र में 17 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ही कांग्रेसी दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।
कांग्रेस और उसके तमाम सूरमा इस उपचुनाव को आरपार की जंग के तौर पर लड़ते दिख रहे हैं। भाजपा ने इससे पहले हुए उपचुनावों में सहानुभूति लहर पर भी भरोसा जताया है। अभी तक सत्तारूढ़ दल की यह रणनीति कारगर साबित हुई है। सल्ट विधानसभा सीट भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की अकाल मृत्यु की वजह से रिक्त हुई है। भाजपा ने इस उपचुनाव में दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने भाजपा की कड़ी चुनौती को देखते हुए दोबारा गंगा पंचोली को चुनावी समर में आगे किया। गंगा पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने में कामयाब रहीं थीं। यह उपचुनाव अब सहानुभूति लहर बनाम एंटी इनकंबेंसी हो गया है। पिछले चार साल से भाजपा सरकार को उसकी नीतियों को लेकर घेर रही कांग्रेस को उम्मीद है कि एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को मुखर करने की उसकी रणनीति कारगर साबित होगी। हालांकि विपक्ष को सहानुभूति लहर का भी अंदेशा है। इसकी काट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कोरोना संक्रमण से लड़ाई के दौरान अस्पताल से कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली के पक्ष में मार्मिक अपील कर चुके हैं।
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कुमाऊं की सियासत पर मजबूत पकड़ रखने वाले हरीश रावत, अन्य क्षत्रपों और कांग्रेस के तमाम रणनीतिकारों ने भाजपा की काट के लिए सरकार के खिलाफ जनाक्रोश को जोर-शोर से मुद्दा बनाने में कसर नहीं छोड़ी। यह देखना खासा रोचक होगा कि जनता का समर्थन किस दल की झोली में गिरता है।
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