मुख्यमंत्री के आश्‍वासन पर अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित, अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने पूर्व में दी थी चेतावनी

पुरानी पेंशन पुरानी एसीपी व्यवस्था समेत 18 सूत्री मांगों को लेकर प्रस्तावित प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित हो गई है। हड़ताल से ठीक एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में कार्मिकों को सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन मिला। जिस पर उन्होंने फिलहाल हड़ताल स्थगित करने का निर्णय किया है।

By Edited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 08:00 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 10:24 PM (IST)
मुख्यमंत्री के आश्‍वासन पर अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित, अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने पूर्व में दी थी चेतावनी
18 सूत्री मांगों को लेकर प्रस्तावित प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित हो गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: पुरानी पेंशन, पुरानी एसीपी व्यवस्था समेत 18 सूत्री मांगों को लेकर प्रस्तावित प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित हो गई है। हड़ताल से ठीक एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में कार्मिकों को सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन मिला। जिस पर उन्होंने फिलहाल हड़ताल स्थगित करने का निर्णय किया है।

अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति लंबे समय से विभिन्न मांगों को आंदोलनरत है। गेट मीटिंग और रैली निकालने के बाद समिति ने प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी थी और सोमवार से हड़ताल प्रस्तावित थी। लेकिन, इससे पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समिति के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुला लिया। समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय ने बताया कि समिति के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर वार्ता के लिए बुलाया। जहां उन्हें आश्वास्त किया गया कि सरकार कार्मिकों की मांगों के निस्तारण को गंभीर है। सभी मांगों पर कार्रवाई को लेकर यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्मिकों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा कि हड़ताल से प्रदेश के विकास में व्यवधान पड़ेगा। इस पर समिति के पदाधिकारियों ने हड़ताल स्थगित करने का एलान किया और मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद जताई।

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प्रतिनिधिमंडल में प्रताप सिंह पंवार, पंचम सिंह बिष्ट, सुनील दत्त कोठारी, पूर्णानंद नौटियाल, राकेश सिंह रावत, संदीप मौर्य, दिनेश पंत आदि शामिल थे। यह हैं प्रमुख मांगें - प्रोन्नत वेतनमान 10, 16, 26 वर्ष पर पूर्व की भांति दिया जाए। - गोल्डन कार्ड की खामियां दूर कर शीघ्र शासनादेश जारी किया जाए। - पदोन्नति में शिथिलीकरण के शासनादेश में हुई त्रुटियों को दूर किया जाए। - निगमों और स्थानीय निकायों के कार्मिकों को गोल्डन कार्ड की सुविधा दी जाए। - राज्य कर्मचारियों की भांति निगमों में भी सुविधाएं प्रदान की जाएं।

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