तीन साल से टेस्टिंग ट्रेक पर थमे कदम

प्रदेश में फर्जी तरीके से लाइसेंस हासिल करने पर रोक लगाने की परिवहन विभाग की मंशा अभी तक परवान नहीं चढ़ पाई है। इसका कारण प्रदेश में अभी तक आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक न बनना है। परिवहन विभाग इस व्यवस्था को धरातल पर नहीं उतार पाया है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 03:25 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 03:25 PM (IST)
तीन साल से टेस्टिंग ट्रेक पर थमे कदम
परिवहन विभाग इस व्यवस्था को धरातल पर नहीं उतार पाया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में फर्जी तरीके से लाइसेंस हासिल करने पर रोक लगाने की परिवहन विभाग की मंशा अभी तक परवान नहीं चढ़ पाई है। इसका कारण प्रदेश में अभी तक आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक न बनना है। तीन साल पहले इसका विस्तृत खाका खींचने के बावजूद परिवहन विभाग इस व्यवस्था को धरातल पर नहीं उतार पाया है।

प्रदेश में हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े बढ़ रहे हैं। इसके पीछे मानवीय गलती एक बड़े कारण के रूप में सामने आई। यह बात भी सामने आई कि अधिकांश नौसिखिए चालक जुगत लगाकर लाइसेंसस हासिल कर लेते हैं। सड़क पर उतरने पर ये दूसरों के लिए खतरा बन सकते हैं। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने पक्का लाइसेंस बनाने से पहले चालकों की परीक्षा ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक पर लेने का निर्णय लिया। कहा गया कि यह परीक्षा कैमरे में भी कैद होगी और सफल अभ्यर्थियों को ही लाइसेंस मिल पाएगा। परीक्षा के दौरान आवेदक को समानांतर पार्किंग करने की दक्षता, एट (8) की आकृति बनाने की परीक्षा, गाड़ी से रिवर्स गियर में एस बनाना, ढाल में खड़ी गाड़ी को बिना पीछे आए आगे चढ़ाई पर चढ़ा कर दिखाना होगा। इसके लिए देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, ऊधमसिंह नगर, काशीपुर, कोटद्वार, हल्द्वानी और अल्मोड़ा यानी कुल 11 स्थानों पर टेस्टिंग ट्रेक बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए कई स्थानों पर जमीन भी देखी गई है। देहरादून में ही टेस्टिंग ट्रेक बनाने की बात भी कही गई। राज्य सड़क सुरक्षा परिषद ने विभाग को जल्द से जल्द इन पर काम पूरा करने का कहा। यह कार्य वर्ष 2020 में होना प्रस्तावित था। इसके लिए प्रारंभिक बजट की व्यवस्था भी की गई।

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इस बीच बीते वर्ष कोरेाना संक्रमण के कारण सारे नए विकास कार्यों में बजट खर्च करने से मना किया गया। इसके बाद से ही टेस्टिंग ट्रेक का कार्य अभी तक लंबित ही पड़ा हुआ है। उप आयुक्त परिवहन एसके सिंह का कहना है कि टेस्टिंग ट्रेक के लिए अधिकांश जगह जमीनें देखी जा चुकी हैं। स्थिति ठीक होने के बाद इन ट्रेक को बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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