पांच अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे ग्राम प्रधान, दी चेतावनी
12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दे रहे प्रदेश प्रधान संगठन ने अब तक किसी जनप्रतिनिधि के धरनास्थल पर न पहुंचने पर सरकार की निंदा की है। एलान किया है कि 28 सितंबर तक यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो पांच अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगा।
देहरादून, जेएनएन। 12 सूत्रीय मांगों को लेकर एकता विहार स्थित धरनास्थल पर धरना दे रहे प्रदेश प्रधान संगठन ने अब तक किसी जनप्रतिनिधि के धरनास्थल पर न पहुंचने पर सरकार की निंदा की है। संगठन ने एलान किया है कि 28 सितंबर तक यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो संगठन पांच अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगा।
प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल व प्रदेश प्रभारी प्रकाश माहरा ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी प्रधानों का उत्पीड़न कर रही है। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रधानों को उनके अधिकार नहीं दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड बनने के 20 साल बाद भी उत्तराखंड अपना पंचायती राज एक्ट लागू नहीं कर सका है, जिससे पंचायत व्यवस्थाएं कमजोर हो रही हैं। वर्तमान में हर घर जल हर घर नल योजना के तहत ग्राम पंचायत को बिना विश्वास में लिए सरकार की ओर से पेयजल निगम, जल संस्थान के माध्यम से टेंडर लगाए जा रहे हैं। इसका प्रदेश प्रधान संगठन विरोध करता है। संगठन ने माग की है कि जल जीवन मिशन में कार्यदायी संस्थाएं ग्राम पंचायतें होनी चाहिए। इससे गांव के नौजवानों को रोजगार भी मिल सकेगा। इस मौके पर विजेंद्र पंवार, पंकज रावत, परमजीत कौर, अनिल पाल, अनिल नौटियाल, सुभाष पैन्युली, राजेंद्र सिंह, मनोजगी तड़ागी, सरिता अधिकारी आदि मौजूद रहे।
सिंचाई नहर में डाल दिया नाले का गंदा पानी
मोहनपुर बिजली घर के पास छावनी परिषद गठी कैट ने नाली का निर्माण कर नाली के गंदे पानी की निकासी मोहनपुर नहर में कर दिया। गंदा पानी सिंचाई नहर के रास्ते खेतों में जाने के कारण किसानों की फसलें खराब हो रही है व प्रदूषण फैल रहा है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद अब सिंचाई विभाग ने मुख्य अधिशासी अधिकारी छावनी परिषद गढ़ी कैंट को तुरंत निकासी बंद करने को कहा है।सीएम हेल्पलाइन पर भेजी शिकायत में सामाजिक कार्यकर्ता वीरू बिष्ट ने बताया कि प्रेमनगर छावनी क्षेत्र के घरों व बरसात का सारा गंदा पानी बिना अनुमति मोहनपुर पावर हाउस के पास सिंचाई नहर में डाल दिया गया है। सिंचाई नहर में गंदा पानी डालने से जहां किसानों की फसलें खराब हो रही हैं वहीं घरों के गंदे पानी की वजह से किसानों को त्वचा संबंधी कई बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है।