सार्वजनिक परिवहन में सवारियों की संख्या हो सकती है सीमित
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के मद्देनजर सार्वजनिक परिवहन यानी बस विक्रम टैंपों आदि में सवारियों की संख्या को सीमित किया जा सकता है। शासन की ओर से जारी गाइडलाइन में इस बारे में फैसला लेने का जिम्मा परिवहन विभाग पर छोड़ा गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के मद्देनजर सार्वजनिक परिवहन यानी बस, विक्रम, टैंपों आदि में सवारियों की संख्या को सीमित किया जा सकता है। शासन की ओर से जारी गाइडलाइन में इस बारे में फैसला लेने का जिम्मा परिवहन विभाग पर छोड़ा गया है। स्पष्ट किया गया है कि जरूरत पडऩे पर परिवहन विभाग इसके लिए अलग से मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर सकता है।
कंटेनमेंट जोन में सख्त निगरानी
गाइडलाइन में कंटेनमेंट जोन पर सख्त निगरानी रखने को कहा गया है। इस जोन से बाहर निवासियों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। इन क्षेत्रों में घर-घर जाकर कोरोना संक्रमण के संबंध में जानकारी लेने के साथ ही स्थानीय निवासियों को जागरूक किया जाएगा। संक्रमित पाए गए व्यक्ति के संपर्कों की सूची बनाई जाएगी। गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि संक्रमित के 80 प्रतिशत संपर्कों को 72 घंटे के भीतर खोज लिया जाए।
नियम न मानने पर होगा जुर्माना
शासन ने साफ किया है कि जिला प्रशासन गाइडलाइन के मानकों में शिथिलीकरण नहीं कर सकता। कंटनेमेंट जोन के बाहर लॉकडाउन का निर्णय सरकार से चर्चा करने से पहले नहीं लिया जाएगा। प्रदेश के भीतर बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों को गाइडलाइन का अनुपालन करना जरूरी होगा। इसका उल्लंघन करने वालों अथवा पोर्टल में गलत जानकारी देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मास्क पहनने, जांच व संपर्कों की पहचान जोर
गाइडलाइन में मास्क पहनने, दो गज की दूरी के नियम का अनुपालन करने, जांच करने और संक्रमित के संपर्कों को चिह्नित करने पर भी जोर दिया है। मास्क न पहनने, थूकने पर जुर्माना किया जाएगा। बाजारों में भीड़ नियंत्रण का जिम्मा जिला प्रशासन को सौंपा गया है। 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 10 साल से कम आयु के बच्चों को घर पर रहने की सलाह भी गाइडलाइन में दी गई है।
बाहर से आने वालों के लिए क्वारंटाइन के नियम
प्रदेश में सात दिनों की अवधि के लिए व्यापारिक कार्य, परीक्षा देने, उद्योग अथवा अन्य कार्यों के लिए आने वालों को होम व संस्थागत क्वारंटाइन से छूट रहेगी। इससे अधिक समय तक प्रदेश में आने वालों को 10 दिन होम अथवा संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा। संस्थागत क्वारंटाइन का नियम सेना और अद्र्धसैनिक बलों के कार्मिकों पर लागू होगा।
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पांच दिन से अधिक समय के लिए बाहर जाने पर 10 दिन का होम क्वारंटाइन
गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश से पांच दिन तक बाहर जाने वालों को लौटने पर होम क्वारंटाइन से छूट दी जाएगी। पांच दिन से अधिक समय के लिए बाहर जाने वालों को लौटने पर 10 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन रहना होगा। इस दौरान वह अपने स्वास्थ्य पर भी नजर रखेंगे। सरकारी मुलाजिमों को इससे छूट दी गई है, हालांकि उन्हें अनिवार्य रूप से अपना कोरोना टेस्ट कराना होगा।
मंत्री, विधायकों को रहेगी छूट
सरकारी कार्य से आने वाले केंद्रीय मंत्री, राज्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम और हाईकोर्ट के न्यायाधीश, विधिक अधिकारी, एडवोकेट जनरल, सरकारी वकील, राज्य व केंद्र सरकार के अधिकारी आदि को क्वारंटाइन से छूट दी गई है। हालांकि, इन सबको कोरोना से बचाव को लेकर जारी नियमों का अनुपालन करना होगा।