शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक बोले, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव का दिखेगा असर
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखंड के देहरादून इकाई की बैठक रविवार को आयोजित की गई। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान को लेकर कहा कि शीघ्र ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव का असर दिखेगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखंड के देहरादून इकाई की बैठक रविवार को आयोजित की गई। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान को लेकर कहा कि शीघ्र ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव का असर दिखेगा। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने संगठन की रीति नीति की परिचर्चा करते हुए भावी कार्यक्रमों और संगठन विस्तार पर जोर दिया।
कहा कि यह संगठन अन्य शिक्षक संगठनों से अलग है। उन्होंने संगठन के कार्यकर्त्ताओं के आवश्यक गुण और श्रेष्ठ कार्यकर्ता निर्माण की प्रक्रिया बताई। कहा कि एक कार्यकर्त्ता प्रमाणिक, अनुशासित, समय देने वाला, मृदुभाषी, सामंजस्य बनाने वाला, समाज को दिशा देने वाला आत्म विश्वास से परिपूर्ण होना चाहिए। प्रदेश महामंत्री डॉ. अनिल नौटियाल ने विस्तार से सरकार द्वारा शिक्षा सुधार के लिए उठाये गए सकारात्मक –रचनात्मक कार्यों की बात करते हुए वर्तमान अशासकीय विद्यालयों, महाविद्यालयों, ट्रांसफर नीति और शैक्षिक तंत्र के लिए आवश्यक सुझाव लिए। सभी समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनके निदान की बात सरकार से करने बात दोहराई।
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महासंघ की महिला संवर्ग की अध्यक्षा डॉ. रश्मि रावत ने संगठन में महिलाओं की सहभागिता और निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी पर बात करते हुए महिला शिक्षिकाओं को संगठन से जोड़ने पर जोर दिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रशांत सिंह ने शिक्षकों की समस्याओं और सेवा शर्तों पर वार्ता करते हुए सरकार को समाधान के लिए आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करने की बात कही। इस मौके पर संयोजक डॉ. हरनाम सिंह, देहरादून इकाई की महामंत्री डॉ. पारुल दीक्षित, गढ़वाल संभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एचसी पुरोहित, प्रदेश मंत्री डॉ. अलका सूरी, डॉ. सुषमा राना, डॉ. ऋचा कम्बोज, महेंद्र सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह रावत, डॉ. हरि ओम शंकर, डॉ. संदीप नेगी, डॉ. सुमंगल सिंह, डॉ. एमके पुरोहित, डॉ. रूपेश त्यागी आदि मौजूद रहे।
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