पकड़ा गया 30 बोरे चावल किसका, नहीं बता पाई पुलिस; अब मावाधिकार आयोग ने तलब की जांच रिपोर्ट

फरवरी 2019 में पूर्ति विभाग की टीम ने टर्नर रोड से 30 बोरे चावल बरामद किया था। तब इस मामले में क्लेमेनटाउन थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी मगर अभी तक पकड़े गए चावल पर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 06:20 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 06:20 AM (IST)
पकड़ा गया 30 बोरे चावल किसका, नहीं बता पाई पुलिस; अब मावाधिकार आयोग ने तलब की जांच रिपोर्ट
इस मामले में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष वीके बिष्ट ने एसएसपी को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट तलब की है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: फरवरी, 2019 में पूर्ति विभाग की टीम ने टर्नर रोड से 30 बोरे चावल बरामद किया था। तब इस मामले में क्लेमेनटाउन थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी, मगर अभी तक पकड़े गए चावल पर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस मामले में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष वीके बिष्ट ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट तलब की है।

टर्नर रोड पर चावल पकडऩे के मामले का स्वत: संज्ञान लेकर मानवाधिकार आयोग ने जिलाधिकारी व पूर्ति विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी पूर्ति निरीक्षकों से छह फरवरी, 2019 से आठ फरवरी, 2019 के बीच के चावल के स्टॉक का भौतिक सत्यापन कराया गया था। जब इसके बाद भी यह पता नहीं चल पाया कि पकड़ा गया चावल किसका है तो क्लेमेनटाउन थाने में एफआइआर दर्ज करा दी गई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आयोग ने 18 नवंबर, 2019 तक एसएसपी को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। अब तक रिपोर्ट दाखिल न किए जाने पर आयोग ने नाराजगी जताई और दो मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश जारी किए।

यह भी पढ़ें- डिप्लोमा फार्मेसिस्ट संघ की धड़ेबाजी पर लगा विराम, मतदान के बाद सोमवार को जारी होगा परिणाम

डीएम व एसएसपी से मांगी रिपोर्ट

हरिद्वार: राज्य मानवाधिकार आयोग ने हरिद्वार और देहरादून के जिलाधिकारी और एसएसपी से राष्ट्रीय राजमार्ग में बाधक निर्माणों को हटाने के लिए की गई प्रशासनिक कार्यवाही की रिपोर्ट 24 फरवरी तक आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं। राष्ट्रीय सूचना अधिकार जागृति मिशन के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दिल्ली और सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव, जिलाधिकारी हरिद्वार और देहरादून के अलावा इंफ्रा कंपनी ऐरा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

यह भी पढ़ें- उत्‍तराखंड में अशासकीय कॉलेज के शिक्षकों को मिली राहत

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी