कोरोना के साये में होगा विस का तीन दिनी सत्र
उत्तराखंड की चौथी विधानसभा का वर्ष 2020 का 21 दिसंबर से प्रस्तावित तीसरा सत्र भी कोरोना महामारी के साये में होगा। कोरोना संकटकाल में यह दूसरा मौका है जब सरकार विधानसभा का सत्र आहूत करने जा रही है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो: उत्तराखंड की चौथी विधानसभा का वर्ष 2020 का 21 दिसंबर से प्रस्तावित तीसरा सत्र भी कोरोना महामारी के साये में होगा। तीन दिनी विधानसभा सत्र के दौरान कोविड-19 से बचाव के मद्देनजर सैनिटाइजेशन, मास्क के इस्तेमाल के साथ ही सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानक का पालन करते हुए विधायकों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। बुजुर्ग विधायकों की वर्चुअल मौजूदगी को लेकर भी प्रयास करने के संकेत दिए गए हैं।
कोरोना संकटकाल में यह दूसरा मौका है, जब सरकार विधानसभा का सत्र आहूत करने जा रही है। 21 दिसंबर से सत्र के लिए अधिसूचना जारी की गई है। इससे पहले 23 सितंबर को एक दिनी मानसून सत्र हुआ था। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच आयोजित किए जा रहे इस सत्र में अनुपूरक बजट को पेश करने की भी तैयारी है। हालांकि अनुपूरक बजट पर भी कोरोना का कहर साफ तौर पर दिखाई देना तय है। दरअसल कोरोना महामारी के चलते प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में राज्य सरकार को मुश्किलों से जूझना पड़ा है। दूसरी छमाही की शुरुआत से अर्थ व्यवस्था कुछ संभलना शुरू हुई है, लेकिन सरकार के सामने विकास कार्यों की चुनौती भी है। खासतौर पर अगले विधानसभा चुनाव के लिए ज्यादा वक्त शेष नहीं रहने के कारण सरकार पर दबाव बना हुआ है। अनुपूरक बजट में इन चुनौतियों का समाधान ढूंढा जा सकता है। विधानसभा में विधायकों की संख्या एक मनोनीत समेत कुल 71 विधायक हैं। वर्तमान में यह संख्या 70 है। सल्ट के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की बीते दिनों कोरोना से निधन हो चुका है।
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विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 21 दिसंबर से तीन दिनी सत्र तय हुआ है। इसमें कोरोना से सुरक्षा के मद्देनजर व्यवस्थाओं को बनाने की चुनौती है। बीती 23 सितंबर को सिर्फ एक दिनी व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र की तर्ज पर ही आगे भी विधानसभा सत्र की व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी। इसी तरह से विधायकों के बैठने का प्लान सुरक्षित शारीरिक दूरी को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। विधानसभा मंडप से लेकर पूरे परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा। सत्र के दौरान उपस्थिति की व्यवस्था को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र की कार्यसूची तय नहीं हुई है। यह सरकार तय करेगी।