Bird Flu Alert: बर्ड फ्लू को लेकर उत्तराखंड सरकार की सतर्कता से निपटने की तैयारी

Bird Flu Alert बर्ड फ्लू को लेकर उत्तराखंड में सबसे अधिक चिंता प्रवासी पक्षियों से है। प्रदेश में जांच के लिए कोई लैब नहीं है। इनकी निगरानी किसी चुनौती से कम नहीं है। सरकार को चाहिए कि बर्ड फ्लू पर सतर्कता के साथ अन्य ऐसे विकल्पों पर भी नजर दौड़ाए।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 08 Jan 2021 03:55 PM (IST) Updated:Fri, 08 Jan 2021 03:55 PM (IST)
Bird Flu Alert: बर्ड फ्लू को लेकर उत्तराखंड सरकार की सतर्कता से निपटने की तैयारी
बर्ड फ्लू होने की स्थिति में कुक्कुट पालन उद्योग से जुड़े व्यक्तियों को राहत दी जा सके।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Bird Flu Alert देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिस तरह से बीते कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न इलाकों में मृत पक्षी मिले हैं, उससे कई तरह की शंकाएं उत्पन्न हो रही हैं। चिंताजनक पहलू यह है कि प्रदेश में अभी तक बर्ड फ्लू की जांच के लिए कोई लैब नहीं है। ऋषिकेश के पशुलोक में लैब बनाने के लिए केंद्र से स्वीकृति मांगी गई थी, लेकिन यह अभी तक नहीं मिली है। ऐसे में जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे जा रहे हैं, जहां से रिपोर्ट आने में खासा वक्त लगता है। उत्तराखंड में सबसे अधिक चिंता प्रवासी पक्षियों से है। इनकी निगरानी और रोकथाम किसी चुनौती से कम नहीं है।

दरअसल उत्तराखंड में करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि में फैले कुल 994 वेटलैंड हैं। इनमें 97 ऐसे हैं, जो वन क्षेत्र से बाहर हैं। शीतकाल में इन वेटलैंड में मध्य एशिया से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं, जो मार्च तक यहां रहते हैं। वर्तमान में भी राज्य के तमाम जलाशयों में मेहमान पक्षी नजर आ रहे हैं। वहीं हिमाचल, राजस्थान और केरल में बड़ी संख्या में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। उत्तराखंड के लिए सबसे बड़ी चिंता हिमाचल के कांगड़ा स्थित बैराज में पक्षियों की मौत है। वैसे तो उत्तराखंड में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पड़ोसी राज्यों की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं।

सरकार ने सतर्कता के लिए प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है। बर्ड फ्लू से सुरक्षा के लिए संक्रमण वाले राज्यों से मुर्गियों, चूजों और अंडे की आपूर्ति पर रोक लगाई गई है। वन विभाग का दावा है कि वह सभी वेटलैंड पर नजर रखे हुए है। स्वास्थ्य महकमे ने भी अस्पतालों में संदिग्ध मरीज के आने पर उसे आइसोलेशन में रखते हुए इलाज कराने को कहा है। इस लिहाज से उत्तराखंड की बर्ड फ्लू को लेकर सतर्कता और तैयारी नजर आती है।

देखा जाए तो वर्तमान में प्रदेश में 408 बड़े लेयर और बॉयलर पोल्ट्री फार्म हैं। इसके अलावा 14 हजार से ज्यादा छोटे पोल्ट्री फार्म हैं, जिनमें 10 लाख से अधिक मुर्गे-मुर्गियां हैं। प्रदेश में मुर्गीपालन भी स्वरोजगार का एक बड़ा जरिया है। यदि यहां बर्ड फ्लू फैलता है तो जाहिर तौर पर हजारों लोग इससे प्रभावित होंगे। इसमें मुर्गी पालकों से लेकर मांस कारोबारी तक शामिल हैं। ऐसे में मुर्गी पालन उद्योग को इससे सुरक्षित रखने की चुनौती सरकार के सामने है। सरकार को चाहिए कि बर्ड फ्लू होने की स्थिति में कुक्कुट पालन उद्योग से जुड़े व्यक्तियों को राहत दी जा सके।

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