देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर तीर्थ पुरोहितों ने निकाली विजयी रैली, मिठाई बांटकर मनाई खुशी

देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा के बाद केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी में विजयी रैली निकालकर मिठाई बांटी। साथ ही एक-दूसरे को बधाई दी गई। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने भी सरकार के इस फैसले को तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारियों के संघर्षो की जीत बताया।

By Edited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:40 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 10:57 PM (IST)
देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर तीर्थ पुरोहितों ने निकाली विजयी रैली, मिठाई बांटकर मनाई खुशी
देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा के बाद केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी में विजयी रैली निकाली।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा के बाद केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने खुशी में विजयी रैली निकालकर मिठाई बांटी। साथ ही एक-दूसरे को बधाई दी गई। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने भी सरकार के इस फैसले को तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारियों के संघर्षो की जीत बताया।

देवस्थानम बोर्ड भंग करने का फैसला आते ही पूरी केदारघाटी में तीर्थपुरोहित समाज और व्यापारियों में खुशी की लहर है। मंगलवार सुबह से ही तीर्थपुरोहित समाज सरकार के फैसले का इंतजार कर रहा था। ऊखीमठ एवं गुप्तकाशी में तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारी, व्यापारी एवं स्थानीय जनता ने रैली निकालकर पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया।

इसके साथ ही तीर्थ पुरोहित समाज के व्यक्तियों ने ऊखीमठ स्थित शहीद राज्य आंदोलनकारी अशोक कैशिव के चित्र पर फूल माला पहनाकर प्रसन्नता जताई। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि सरकार का यह निर्णय सराहनीय है। वहीं जोशीमठ में भी इस घोषणा के बाद खूब आतिशबाजी हुई।

तीर्थपुरोहित लंबे समय से अपनी मांग को लेकर आंदोलनरत थे। वहीं तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, राजकुमार तिवारी एवं तेजप्रकाश त्रिवेदी ने कहा कि जब तक कैबिनेट के साथ ही विधानसभा में बिल लाकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने को लेकर सरकार प्रस्ताव नहीं लाती, तब तक प्रदेश सरकार को इसका श्रेय नहीं दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें- Devasthanam Board: सीएम पुष्कर धामी ने देवस्थानम बोर्ड को किया भंग, जानिए अब क्या होगा अगला कदम

वहीं देवस्थानम बोर्ड के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने तीर्थपुरोहितों की भावनाओं को ख्याल रखते हुए निर्णय लिया है। देवस्‍थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा को लेकर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करना सरकार की मजबूरी थी। तीर्थपुरोहितों के आंदोलन से सरकार डर गई थी।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में चिकित्सकों के 379 पदों पर जल्द होगी भर्ती, 120 पद हैं आइसीयू डाक्टरों के

chat bot
आपका साथी