परिणाम तैयार करने को स्कूल जा सकेंगे शिक्षक, CBSE ने लिया निजी स्कूलों की शिकायत का संज्ञान

सीबीएसई बोर्ड ने शिक्षकों को दसवीं का परिणाम जारी करने को स्कूल जाने की छूट दे दी है। प्रदेश में लागू कर्फ्यू के चलते शिक्षक और प्रधानाचार्य स्कूल जाने में असमर्थता जता रहे थे। कई जगहों पर शिक्षकों को पुलिस के रोकने के मामले सामने आ रही है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 06:05 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 06:05 AM (IST)
परिणाम तैयार करने को स्कूल जा सकेंगे शिक्षक, CBSE ने लिया निजी स्कूलों की शिकायत का संज्ञान
परिणाम तैयार करने को स्कूल जा सकेंगे शिक्षक।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सीबीएसई बोर्ड ने शिक्षकों को दसवीं का परिणाम जारी करने को स्कूल जाने की छूट दे दी है। प्रदेश में लागू कर्फ्यू के चलते शिक्षक और प्रधानाचार्य स्कूल जाने में असमर्थता जता रहे थे। कई जगहों पर तो शिक्षकों को पुलिस द्वारा रोके जाने और बदतमीजी करने के मामले भी सामने आए थे। जिसके बाद प्रिंसिपल्स प्रोगेसिव स्कूल्स एसोसिएशन ने जिलाधिकारी, सचिव समेत सीबीएसई को पत्र लिखकर शिक्षकों को बिना रोक के स्कूल आने देने की मांग की थी।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं के छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए मूल्यांकन नीति जारी कर दी है। इसके तहत स्कूल छात्रों को यूनिट टेस्ट, अर्ध वार्षिक परीक्षा, प्रीबोर्ड परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देने हैं। मूल्यांकन नीति के तहत स्कूल छात्रों को यूनिट टेस्ट के आधार पर अधिकतम 10 अंक, अर्ध वार्षिक परीक्षा के आधार पर अधिकतम 30 अंक और प्रीबोर्ड परीक्षा के आधार पर अधिकतम 40 अंक प्रदान कर सकेंगे। बाकी 20 अंक स्कूलों की ओर से किए गए आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित होंगे।

परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए सभी स्कूलों को आंतरिक परीक्षा समिति बनानी होगी। इस समिति में प्रधानाध्यापक के साथ सात शिक्षक शामिल होंगे। अगर किसी स्कूल ने परिणाम के लिए तय तीनों श्रेणियों में किसी एक ही श्रेणी की परीक्षा आयोजित की है तो समिति शेष परीक्षाओं के लिए अंक तय करेगी। स्कूलों को 25 मई तक रिजल्ट तैयार कर पांच जून तक सीबीएसई के पास जमा करने के निर्देश हैं। आंतरिक परीक्षा के अंक बोर्ड को 11 जून तक उपलब्ध कराने हैं। इसके बाद सीबीएसई परीक्षा परिणाम 20 जून को घोषित कर देगा। यह पूरी प्रक्रिया घर पर रखकर संभव नहीं है, ऐसे में शिक्षक और प्रधानाचार्य स्कूल आ रहे थे, लेकिन इसी बीच पहले दून और फिर पूरे राज्य में कर्फ्यू लग गया। 

इसके बाद से शिक्षकों को स्कूल आने में समस्या होने लगी। प्रिंसिपल्स प्रोगेसिव स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि कई शिक्षक और प्रधानाचार्य पुलिस द्वारा उन्हें रोके जाने के शिकायत कर रहे थे। जिला प्रशासन शिक्षा सचिव समेत अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी गई थी। लेकिन कहीं से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला, जिसके बाद केंद्र में सीबीएससी बोर्ड से इसकी शिकायत की गई। अब बोर्ड ने शिक्षकों को स्कूल आने की छूट दे दी है। सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह ने बताया कि सीबीएसई बोर्ड परिणाम तैयार करने को समय तय किया है, लेकिन प्रदेश में कर्फ्यू के चलते इस में बाधा आ रही थी। 

अब सीबीएसई द्वारा एक पास तैयार किया गया है, जिस पर शिक्षक और प्रधानाचार्य का फोटो चस्पा होगा और पूरी जानकारी लिखी होगी। बताया कि संबंधित स्कूलों के प्रधानाचार्य को नजदीकी पुलिस थाने एवं प्रशासन से संपर्क कर यह पास वेरीफाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। ताकि शिक्षक और प्रधानाचार्य को स्कूल आने जाने में कोई समस्या ना हो और तय समय पर छात्र-छात्राओं का परिणाम तैयार और जारी किया जा सके।

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