कोरोना के चलते दूसरे साल भी तबादलों पर असर, शिक्षकों में नाराजगी; लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप

कारोनो के चलते लगातार दूसरे साल भी शिक्षकों के तबादलों पर असर पड़ा है। तबादले नहीं होने से नाराज शिक्षकों ने विभाग पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विभाग में अधिकारियों प्रधानाचार्य और मिनिस्टीरियल कर्मचारियों के तबादलों के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:52 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:52 PM (IST)
कोरोना के चलते दूसरे साल भी तबादलों पर असर, शिक्षकों में नाराजगी; लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप
कोरोना के चलते दूसरे साल भी तबादलों पर असर, शिक्षकों में नाराजगी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कारोनो के चलते लगातार दूसरे साल भी शिक्षकों के तबादलों पर असर पड़ा है। तबादले नहीं होने से नाराज शिक्षकों ने विभाग पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विभाग में अधिकारियों, प्रधानाचार्य और मिनिस्टीरियल कर्मचारियों के तबादलों के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं, लेकिन शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगी है। प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा महानिदेशक को पत्र लिखकर शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा ने कहा कि इस सत्र में अनुरोध के आधार पर तबादलों के लिए शासन ने आदेश जारी किया था। इसी क्रम में निदेशालय ने समूह क व ख के अधिकारियों एवं प्रधान सहायक से मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के पदों पर कार्यरत कार्मिकों के अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण के लिए आवेदन मांगे हैं, लेकिन शिक्षकों के लिए निदेशालय ने अब तक निर्देश नहीं दिए। प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा संवर्ग के अंतर्गत संचालित राजकीय आदर्श प्राथमिक और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों की खाली पड़ी सीटों का मुद्दा उठाया। 

उन्होंने कहा कि यहां शिक्षक और प्रधानाध्यापक की तैनाती परीक्षा के बाद होनी थी, लेकिन शासनादेश में स्पष्ट प्रविधान न होने से कुछ जिलों में प्रधानाध्यापकों के पदों को पदोन्नति एवं स्थानांतरण से भरा जा रहा है। इससे जूनियर हाईस्कूलों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति के अवसर भी बाधित हो रहे हैं, जो शिक्षक हितों पर कुठाराघात है। उन्होंने आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के पदों को पदोन्नति एवं स्थानांतरण के माध्यम से भरे जाने का स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग की।

शिक्षकों ने की चयन-प्रोन्नत वेतनमान की मांग

बेसिक से एलटी में समायोजित शिक्षकों को 11 वर्ष बाद भी चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ नहीं मिलने से शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों ने राज्य सरकार से इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द सभी शिक्षकों को उनका हक दिलवाने की मांग की। राजकीय एलटी समायोजित पदोन्नत शिक्षक संघर्ष मंच के प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर फुलेरिया ने बताया कि 11 वर्ष पहले बेसिक से एलटी में 7000 से ज्यादा शिक्षकों को समायोजित किया गया था, लेकिन इन शिक्षकों के चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ बेसिक की सेवाओं को नहीं जोड़ा गया। समायोजन के बाद से ही सभी शिक्षक शिक्षा विभाग और राज्य सरकार से चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ पूर्व की सेवाओं को जोड़कर देने की मांग कर रहे हैं। बताया कि विभाग ने अब तक केवल उन्हीं समायोजित शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया है, जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की।

यह भी पढ़ें- धरने पर बैठे मनरेगा कर्मचारियों को शासन से बड़ा झटका, 15 दिन में ड्यूटी नहीं की ज्वाइन तो सेवा होगी समाप्त

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी