साक्या एकेडमी में छात्रों की पिटाई को लेकर विवादों में आए शिक्षक ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट बरामद

छात्रों से मारपीट के मामले में विवादों में आए साक्या एकेडमी के एक शिक्षक के फांसी लगाकर खुदकुशी करने का मामला सामने आया है। सूत्रों की मानें तो एकेडमी में किसी भी छात्र और शिक्षक को मोबाइल फोन रखने की इजाजत नहीं थी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:53 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 12:06 AM (IST)
साक्या एकेडमी में छात्रों की पिटाई को लेकर विवादों में आए शिक्षक ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट बरामद
छात्रों से मारपीट मामले को लेकर विवादों में आए शिक्षक ने लगाई फांसी ।

देहरादून, जेएनएन। नेपाल के छात्रों से मारपीट मामले में तीन दिन पहले चर्चा में आए पुरकुल स्थित मठ (साक्या एकेडमी) के एक शिक्षक ने फांसी लगाकर जान दे दी। शिक्षक का शव एकेडमी परिसर के अंदर बने उनके आवास में फंदे से लटकता हुआ मिला। आत्महत्या करने वाले शिक्षक लुआंग लेखफा मूल रूप से नेपाल के रहने वाले थे और वह एकेडमी में बौद्ध शास्त्र पढ़ाते थे। वह पिछले तीन साल से एकेडमी में सेवाएं दे रहे थे। मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। हालांकि, अभी आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन पुलिस इस मामले को छात्रों की पिटाई प्रकरण से जोड़कर भी जांच कर रही है। फिलहाल एकेडमी प्रबंधन और पुलिस साफ तौर पर कुछ भी बताने से बच रहे हैं। 

पुलिस को मौके से जो सुसाइड नोट मिला है, बताया जा रहा है कि उसमें शिक्षक ने एकेडमी से कुछ छात्रों के मारपीट में चोटिल होने के फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने का जिक्र है। सुसाइड नोट में लिखा है कि एकेडमी के मुख्य गुरुजी ने फोटो वायरल होने पर नाराजगी जताते हुए समूचे स्टाफ को अपने मोबाइल फोन जमा करने को कहा था, लेकिन लेखफा अपना फोन जमा नहीं कर पाए। पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट में लेखफा ने इस पर पछतावा जताते हुए गुरुजी की बदनामी होने का जिक्र किया है। इससे यह माना जा रहा है किसी न किसी रूप में इस घटना का छात्रों के पिटाई प्रकरण से वास्ता है। साक्या फाउंडेशन के महासचिव सोनम चोग्याल ने फिलहाल इस मामले में कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया।

थानाध्यक्ष राजपुर राकेश शाह ने बताया कि एकेडमी के कुछ छात्रों ने सोमवार को आरोप लगाया था कि एक शिक्षक ने उनके साथ मारपीट की है। इसके बाद एकेडमी से सात छात्र भाग गए थे। इनमें से चार छात्र तो नेपाल चले गए, लेकिन तीन छात्र उत्तराखंड-नेपाल सीमा पर बनबसा में उत्तराखंड पुलिस ने पकड़ लिए थे। इन छात्रों को वापस लेने के लिए शिक्षक लुआंग लेखफा भी बनबसा गए थे, जो शुक्रवार रात को ही वापस एकेडमी लौटे थे। बताया गया कि रात को खाना खाने के बाद वह रोजाना की तरह अपने कमरे में सोने चले गए।

शनिवार सुबह जब वह कमरे से बाहर नहीं आये तो एकेडमी के स्टाफ ने समझा कि वह सफर करके आए थे, इसलिए संभवतः देर तक सो रहे होंगे। शाम तक जब लेखफा कमरे से बाहर नहीं निकले तो स्टाफ के एक सदस्य उनका हालचाल पूछने पहुंचे। काफी देर तक जब लेखफा ने दरवाजा नहीं खोला तो स्टाफ ने किसी तरह कमरे की खिड़की खोली। खिड़की से झांका तो लेखफा रस्सी के सहारे पंखे से लटके हुए दिखे। स्टाफ के कुछ और सदस्य भी वहां पहुंच गए और पुलिस को सूचना दी। सीओ डालनवाला विवेक कुमार व राजपुर थानाध्यक्ष राकेश शाह ने वहां पहुंचकर शव को फंदे से उतारा और स्टाफ से पूछताछ की। हालांकि, शिक्षक नेपाल के निवासी थे, लिहाजा पुलिस ने नेपाल दूतावास को भी सूचना भेज दी है। 

तीन दिन पहले छात्रों की पिटाई का मामला आया था सामने

साक्या एकेडमी में तीन दिन पहले नेपाल के कुछ छात्रों के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। बताया गया था कि यहां के 47 बच्चों ने नेपाल जाने के लिए एकसाथ आवेदन किया था। आरोप है कि इस पर एक शिक्षक ने गुस्से में आकर कुछ छात्रों की पिटाई कर दी थी। इनमें से सात बच्चे एकेडमी प्रबंधन को बिना बताए गुपचुप ढंग से भाग गए थे। पिटाई से जख्मी बच्चों के फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गए थे। ये फोटो और घटना की सूचना नेपाल तक पहुंच गई थी। जिस पर गुरुवार को प्रशासन, पुलिस और राज्य बाल आयोग समेत नेपाल दूतावास की टीम ने एकेडमी पहुंचकर जांच शुरू की थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने प्रकरण की जांच एसपी क्राइम लोकजीत सिंह को सौंपी, जो इन दिनों एकेडमी प्रबंधन, फाउंडेशन पदाधिकारियों व छात्रों के बयान दर्ज कर रहे हैं। पुलिस जांच चल ही रही थी कि इस बीच शनिवार रात यह घटना सामने आ गई।

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डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि शिक्षक का शव एकेडमी परिसर में बने आवास में फंदे से लटका हुआ मिला है। एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। इस नोट की हैंडराइटिंग का मिलान भी कराया जाएगा, कि यह मृतक शिक्षक की ही है या नहीं। पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।

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