एक साल से वेतन का इंतजार कर रहे स्वजल कर्मी, शोषण का आरोप लगाते हुए दी ये चेतावनी
प्रधानमंत्री के महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने में जुटे स्वजल कर्मी पिछले एक साल से वेतन की राह ताक रहे हैं। वेतन का भुगतान करने के बजाये हाल ही में उनके वेतन से कटौती के आदेश भी जारी कर दिए गए।
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रधानमंत्री के महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने में जुटे स्वजल कर्मी पिछले एक साल से वेतन की राह ताक रहे हैं। वेतन का भुगतान करने के बजाये हाल ही में उनके वेतन से कटौती के आदेश भी जारी कर दिए गए। ऐसे में स्वजल कर्मियों में आक्रोश है और उन्होंने शोषण का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
स्वजल कर्मचारी संघ के महामंत्री अरविंद पयाल ने बताया कि शासन की ओर से स्वजल कर्मचारियों को 12 महीनों से वेतन-भत्तों का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि, कुछ दिन पूर्व ही एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया, जिसमें इन कर्मचारियों के 12 महीनों के वेतन-भत्तों में कटौती कर मासिक वेतन एक चौथाई करने के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों के तानाशाह रवैये से कर्मचारी आक्रोशित हैं।
बताया कि कर्मचारियों की ओर से विगत कई माह से निरंतर अधिकारियों व शासन से लंबित वेतन-भत्तों के भुगतान का अनुरोध किया जा रहा है, लेकिन पहले तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए जाते रहे और अब वास्तविक वेतन-भत्तों के भुगतान की जगह मासिक वेतन एक चौथाई किया जा रहा है। पयाल के अनुसार, वर्ष 2018 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय प्रकाश पंत को प्रधानमंत्री ग्रामीण पेयजल और स्वच्छता कार्यक्रमों की सफलता के बाद स्वजल कार्यक्रम का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। तब भी सराहनीय प्रयासों के लिए मंत्री प्रकाश पंत ने स्वजल कर्मचारियों की पीठ थपथपाई थी।
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