पर्यटन विकास को तैयार हो रहीं उपनीतियां
नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड में पर्यटन को राज्य की आर्थिकी का मुख्य जरिया बनाने के उद्देश्य से सरकार ने कसरत तेज कर दी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड में पर्यटन को राज्य की आर्थिकी का मुख्य जरिया बनाने के उद्देश्य से सरकार ने कसरत तेज कर दी है। इस कड़ी में पूर्व में जारी नई पर्यटन नीति के साथ ही होम स्टे और राफ्टिंग-कयाकिंगसे संबंधित नीतियों की उप नीतियां (सब पॉलिसी) तैयार की जा रही हैं, ताकि पर्यटन विकास को तेजी से पंख लग सकें। सब पॉलिसी में प्रशिक्षण, मानक, मार्केटिंग जैसे तमाम बिंदुओं को समाहित किया जा रहा है।
उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने की बात तो राज्य गठन के वक्त से हो रही है, लेकिन इस दिशा में उस लिहाज से पहल नहीं हो पाई, जिसकी दरकार है। लंबे इंतजार के बाद अब मौजूदा सरकार ने पर्यटन को आर्थिकी की मुख्य धुरी बनाने के उद्देश्य से पहल की है। हाल में हुए पहले इन्वेस्टर्स समिट में भी निवेशकों ने पर्यटन के क्षेत्र में विशेष रुचि दिखाई। करीब 15 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर हुए हस्ताक्षर इसकी तस्दीक भी करते हैं।
हालांकि, समिट से पहले ही राज्य सरकार की ओर से पर्यटन विकास के मद्देनजर नई पर्यटन नीति घोषित कर दी गई थी। इसमें करीब 28 गतिविधियों को उद्योग का दर्जा दिया गया। यानी, जो सुविधाएं उद्योग को मिलती हैं, वही पर्यटन क्षेत्र में इन गतिविधियों के संचालन में मिलेंगी। इसके साथ ही गांवों को तवज्जो देत हुए नई होम स्टे योजना के साथ ही यहां की नदियों में राफ्टिंग-कयाकिंग को लेकर भी नई नीतियां जारी की गई।
अब इन नीतियों को धरातल पर आकार देने के मद्देनजर कवायद प्रारंभ कर दी गई है, ताकि कहीं कोई कमीबेशी न रहने पाए। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार पर्यटन, होम स्टे, रॉफ्टिंग-कयाकिंगसे संबंधित नीतियों की उपनीतियां बनाने का कार्य चल रहा है। इसमें कुछ कंसलटेंट के साथ ही नियोजन विभाग की भी मदद ली जा रही है। मानक, प्रशिक्षण, मार्केटिंग समेत अन्य बिंदुओं को उपनीतियों में शामिल किया गया है। उम्मीद है कि आने वाले नए साल के प्रारंभ में यह सभी उपनीतियां अस्तित्व में आ जाएंगी।