Students Demand Scholarship: छात्रवृत्ति से वंचित छात्र पहुंचे सीएम कार्यालय, समाज कल्याण विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप

Students Demand Scholarshipअनुसूचित जाति जनजाति व पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति से वंचित छात्र-छात्राएं बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय पहुंच गए। बताया कि समाज कल्याण विभाग ने उनकी शिक्षा सत्र वर्ष 2018-2019 व 2019-2020 की छात्रवृत्ति रोक रखी है। कहा समाज कल्याण विभाग अपनी लापरवाही छिपा रहा है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 04:36 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 04:36 PM (IST)
Students Demand Scholarship: छात्रवृत्ति से वंचित छात्र पहुंचे सीएम कार्यालय, समाज कल्याण विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप
अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति से वंचित छात्र-छात्राएं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय पहुंच गए।

जागरण संवाददाता, देहरादून : Students Demand Scholarship अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति से वंचित छात्र-छात्राएं बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय पहुंच गए। मौके पर उन्हें मुख्यमंत्री तो नहीं मिले, लेकिन मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी भजराम पंवार ने छात्र-छात्राओं की समस्या सुन तत्काल जिला समाज कल्याण अधिकारी को छात्रों की समस्या का निराकरण करने को कहा।

मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे विट्टू वर्मा, खजान सिंह, जसपाल सिंह, मुकेश, विपिन कुमार आदि ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि वह देहरादून जिले के विभिन्न कालेजों में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं और अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग से हैं। समाज कल्याण विभाग ने उनकी शिक्षा सत्र वर्ष 2018-2019 व 2019-2020 की छात्रवृत्ति रोक रखी है। जब इस बारे में समाज कल्याण विभाग से संपर्क किया जाता है तो वहां से जवाब मिलता है कि जिन कालेजों में वह पढ़ रहे उनकी संबद्धता एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि से समाप्त है। जबकि संबंधित कालेज प्रशासन का इस विषय में कहना है कि गढ़वाल विवि हमारे सभी कार्यों की स्वीकृति दे रहा है तो हम असंबद्ध कैसे हो सकते हैं।

छात्रों ने आरोप लगाए कि समाज कल्याण विभाग अपनी लापरवाही छिपा रहा है, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। उधर, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे ने कहा कि छात्रवृत्ति क्यों रोकी गई है, इसकी पड़ताल कराई जाएगी और नियमों के तहत सभी दस्तावेज सही पाए गए तो जल्द ही छात्रवृत्ति जारी कर दी जाएगी।

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धरना जारी रखेंगे डीएलएड प्रशिक्षित

जागरण संवाददाता, देहरादून: एक माह से ज्यादा समय से प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय में धरना दे रहे डायट डीएलएड प्रशिक्षितों को राहत मिल गई है। भर्ती के संबंध में पत्र जारी होने के साथ डीएलएड प्रशिक्षितों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, प्रशिक्षितों का कहना है कि नियुक्ति पत्र मिलने तक धरना जारी रहेगा।

डायट संघ के सचिव हिमांशु जोशी ने कहा कि शिक्षा सचिव राधिका झा की ओर से प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए पत्र जारी कर दिया गया है। इससे प्रशिक्षितों को राहत मिली है। लेकिन, प्रशिक्षितों ने नियुक्ति पत्र जारी होने तक संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया है। उम्मीद है कि जल्द ही विभाग की ओर से नियुक्ति पत्र जारी कर विद्यालयों में सेवा देने का अवसर मिलेगा। शिक्षा मंत्री के वादे के बाद क्रमिक अनशन समाप्त कर दिया गया है। लेकिन विभाग नियुक्ति देने में देरी करता है तो मजबूरन उग्र आंदोलन करना पड़ेगा। शासन-प्रशासन से आग्रह है कि जल्द ही हमारी भर्ती पूरा कर नियुक्ति पत्र प्रदान करें।

बीपीएड-एमपीएड प्रशिक्षितों ने भीख मांगकर जताया विरोध: विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों की अनिवार्य नियुक्ति की मांग को लेकर बीपीएड-एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन का धरना नौवें दिन भी जारी रहा। शिक्षा निदेशालय परिसर में चल रहे धरने के दौरान प्रशिक्षितों ने निदेशालय द्वार से परिसर में रैली निकाली ओर लोग के घरों में जाकर भीख मांगी। वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने हम लोग को इस कदर बेहाल कर दिया है कि भीख मांगने की नौबत आ गई है। चेतावनी दी कि 15 दिन के अंदर अगर प्रशिक्षित बेरोजगारों की मांगों के अनुरूप विज्ञप्ति जारी नहीं की गई तो विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे।

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