Student Union Election: विवि के फैसले को नहीं मानेंगे छात्र संगठन, प्रदेशभर में आंदोलन की दी चेतावनी

छात्र संघर्ष समिति में शामिल सभी छात्र संगठनों के नेताओं ने हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विवि प्रशासन के छात्र संघ चुनाव नहीं करवाने के निर्णय को मानने से इन्कार कर दिया है। नेताओं ने चुनाव की मांग को लेकर प्रदेशस्तरीय आंदोलन की चेतावनी दी है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 11:10 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 11:10 AM (IST)
Student Union Election: विवि के फैसले को नहीं मानेंगे छात्र संगठन, प्रदेशभर में आंदोलन की दी चेतावनी
Student Union Election: विवि के फैसले को नहीं मानेंगे छात्र संगठन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Student Union Election डीएवी पीजी कालेज छात्र संघर्ष समिति में शामिल सभी छात्र संगठनों के नेताओं ने हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विवि प्रशासन के छात्र संघ चुनाव नहीं करवाने के निर्णय को मानने से इन्कार कर दिया है। नेताओं ने चुनाव की मांग को लेकर प्रदेशस्तरीय आंदोलन की चेतावनी दी है।

बुधवार को छात्र संघर्ष समिति की डीएवी के प्राचार्य डा. अजय सक्सेना के साथ बैठक हुई। बैठक में छात्र नेता आकिब अहमद व हन्नी सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत ने आश्वासन दिया था कि कालेज में 60 प्रतिशत प्रवेश हो जाने के बाद छात्र संघ चुनाव अगले दो से तीन दिन में करा दिए जाएंगे। वहीं गढ़वाल विवि प्रशासन की ओर से छात्र संघ चुनाव से इन्कार कर दिया गया है। इससे भ्रम की स्थिति बन रही है। यदि गढ़वाल विवि व सरकार छात्र नेताओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगी तो उसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डीएवी पीजी कालेज के प्राचार्य डा. अजय सक्सेना का कहना है कि डीएवी कालेज छात्र संघर्ष समिति से जुड़े छात्र नेताओं की बात कालेज प्रशासन ने सुनी। छात्र संगठन चुनाव पर अड़े हैं। इस बारे में गढ़वाल विवि की कुलपति व प्रदेश सरकार को सूचित किया जा रहा है। जो निर्णय विवि प्रशासन या सरकार का होगा, उसके अनुसार आगे कार्य किया जाएगा।

यह है लिंगदोह समिति के नियम

छात्र संघ चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गई लिंगदोह कमेटी के नियमों के अनुसार ही पिछले चार साल से देशभर के कालेज व विवि में छात्र संघ चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। नियम के मुताबिक कालेज खुलने के 45 दिन के भीतर छात्र संघ चुनाव कराना अनिवार्य है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण कालेज आफलाइन एक अक्टूबर से खुले थे। ऐसे में छात्र संघ चुनाव 15 नवंबर हो जाने चाहिए थे, लेकिन 25 नवंबर तक भी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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