हिमाचल की तर्ज पर लागू हो कठोर भू-कानून

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति तथा उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने प्रदेश में हिमाचल की तर्ज पर कठोर भू-कानून लागू करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 08:13 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 08:13 PM (IST)
हिमाचल की तर्ज पर लागू हो कठोर भू-कानून
हिमाचल की तर्ज पर लागू हो कठोर भू-कानून

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति तथा उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने प्रदेश में हिमाचल की तर्ज पर कठोर भू-कानून लागू करने की मांग की है। समिति ने समूह ग व घ के पदों पर सिर्फ प्रदेश के युवाओं को ही प्राथमिकता देने की मांग की है।

शुक्रवार को देहरादून मार्ग स्थित गोपाल कुटी में हुई आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति व आंदोलनकारी मंच की संयुक्त बैठक में राज्य आंदोलनकारी व पूर्व पालिकाध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि अब तक की सरकारों की गलत नीतियों के चलते उत्तराखंड का स्वरूप विकृत हो चुका है। प्रदेश में भूमाफिया व बाहरी व्यक्ति संसाधनों को लूट रहे हैं। ऐसे में अब राज्य में शीघ्र सशक्त भू-कानून लागू करने जरूरत है। उन्होंने हिमाचल व अन्य हिमालयी राज्यों की तर्ज पर कठोर भू-कानून उत्तराखंड में लागू करने की मांग की। संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में मूल निवास की कट आफ डेट भी 1950 लागू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार की गलत नीतियों के कारण समूह ग व घ की नियुक्तियों में किसी भी प्रदेश के युवा प्रतिभाग कर सकते हैं। इससे राज्य के बेरोजगारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे बदला जाना चाहिए। वक्ताओं ने चिह्नीकरण से वंचित रह गए राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नित करने तथा सरकारी सेवाओं में आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण वैधानिक रूप से लागू करने तथा आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन देने की मांग की। बैठक में संजय शास्त्री, बलवीर नेगी, गंभीर सिंह मेवाड़, युद्धवीर चौहान, उषा रावत, कुसुम लता शर्मा, विक्रम भंडारी, देवी प्रसाद व्यास, सरोजिनी थपलियाल, वेद प्रकाश ढींगरा, प्रेमा नेगी, उर्मिला डबराल आदि मौजूद रहे।

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