वर्षों से गन्ने की कीमतें स्थिर, पर महंगाई बढ़ गई कई गुना: नेगी

विकासनगर जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष व जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि पिछले तीन चार सालों से गन्ने के मूल्य में महज एक रुपये की बढ़ोत्तरी की गई जबकि महंगाई चरम है। केंद्र व प्रदेश सरकार के पास किसानों को देने के लिए कुछ नहीं है जबकि आम जनता महंगाई से परेशान है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 06:42 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 06:42 PM (IST)
वर्षों से गन्ने की कीमतें स्थिर, पर महंगाई बढ़ गई कई गुना: नेगी
वर्षों से गन्ने की कीमतें स्थिर, पर महंगाई बढ़ गई कई गुना: नेगी

जागरण संवाददाता, विकासनगर: जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष व जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने केंद्र सरकार की ओर से किसानों की आय दोगुनी करने के दावे पर सवाल खड़े किए हैं। कहा कि वर्ष 2017-18 में गन्ने का मूल्य 316/326 रुपये प्रति कुंतल था और वर्ष 2020-21 में मात्र 317/327 रुपये प्रति कुंतल है। यानि तीन-चार सालों में सरकार ने गन्ने के मूल्य में सिर्फ एक रुपये की वृद्धि की है, ऐसे में किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पेट्रोल, डीजल, गैस, खाद्य पदार्थ व अन्य मद में टैक्स कई गुना तक बढ़ा है, लेकिन किसानों को कुछ नहीं मिला।

रविवार को मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि केंद्र व राज्य की त्रिवेंद्र सरकार गन्ना किसानों की पीड़ा समझने में नाकाम साबित हुई है। इसका नतीजा यह है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में तीन-चार साल में गन्ने के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई, जबकि महंगाई कई गुना बढ़ गई है। कहा कि अगर गन्ने की कीमतों की बात करें तो सरकार ने वर्ष 2017-2018 में सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 316 व अगेती प्रजाति का मूल्य 326 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया था। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में 317/327 रुपये प्रति कुंतल, वर्ष 2019-20 में 317/327 व वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 में भी कीमतें 317/327 यथावत रखी गई हैं, जो किसानों के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी है। मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने कहा कि गन्ने से उत्पादित शीरा से बनने वाली शराब इत्यादि से सरकार मुनाफा कमा रही है, लेकिन गरीब किसानों को देने के लिए कुछ नहीं है। सरकार व मिल की कार्यप्रणाली से कई-कई महीनों तक उपज का भुगतान न करने का दंश भी किसान झेल रहा है। मोर्चा ने सरकार से अप्रत्याशित महंगाई को देखते हुए गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की मांग की है। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, नारायण सिंह चौहान, ओपी राणा, विक्रम सिंह पाल आदि मौजूद रहे।

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