कोरोनाकाल में महासू मंदिर से देव डोरिया ले जाने पर रोक

संवाद सूत्र चकराता जौनसार-बावर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ने से शांठीबिल के बजीर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 07:59 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 07:59 PM (IST)
कोरोनाकाल में महासू मंदिर से देव डोरिया ले जाने पर रोक
कोरोनाकाल में महासू मंदिर से देव डोरिया ले जाने पर रोक

संवाद सूत्र, चकराता: जौनसार-बावर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ने से शांठीबिल के बजीर दीवान सिंह राणा ने बावर क्षेत्र के हनोल, मैंद्रथ और जौनसार के मोहना स्थित तीनों प्रमुख मंदिर से देवता का डोरिया पूजा-अर्चना के लिए घरों में ले जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिसकी रोकथाम के लिए मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं से सहयोग करने की अपील की है।

जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर, उत्तरकाशी के बंगाण क्षेत्र व हिमाचल के सिरमौर-शिमला समेत आसपास के इलाकों में चार भाई महासू बाशिक, बोठा महासू, पवासी महासू व चालदा महासू को लाखों लोग पीढि़यों से कुल आराध्य देव के रूप में पूजते आ रहे हैं। बावर क्षेत्र के हनोल गांव में चारों भाई महासू देवता का पांडवकालीन भव्य एवं प्रमुख मंदिर है, जिसे सिद्धपीठ कहते हैं। इसके अलावा मैंद्रथ गांव में माता देवलाड़ी और बाशिक महासू देवता का मंदिर, जौनसार के मोहना गांव में चालदा महासू का मंदिर व बंगाण क्षेत्र के ठडियार गांव में पवासी महासू देवता का मंदिर है। इन चार प्रमुख मंदिरों के अलावा क्षेत्र में महासू-चालदा देवता के दर्जनों अन्य मंदिर हैं। लोक परंपरा के अनुसार जौनसार-बावर, बंगाण व हिमाचल के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में स्थानीय लोग देवता से मांगी की गई मुराद पूरी होने पर देवता के प्रतीक स्वरूप देव चिन्ह चांदी का डोरिया पूजा-अर्चना के लिए अपने घरों में ले जाते हैं। लोक मान्यता के अनुसार मंदिरों से देव डोरिया गाजे-बाजे के साथ घरों में ले जाने को लोग नंगे पांव मीलों दूर पैदल चलते हैं, जिसमें देव डोरियो को ले जाने वाले ग्रामीण और कारसेवक शामिल होते हैं। मौजूदा दौर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चलने से हालात खराब हो रहे हैं। ऐसे में शांठीबिल के बजीर एवं श्री महासू देवता मंदिर प्रबंधन समिति हनोल के संरक्षक दीवान सिंह राणा ने देवता की परपंरागत पूजा-पाठ व्यवस्था से जुड़े स्थानीय कारसेवकों से रायशुमारी के बाद इस पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस संबंध में तीनों मंदिर के कारसेवकों को अवगत करा दिया गया है।

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मंदिर समिति कर्मियों को बांटी कोविड-19 किट:

चकराता: श्री महासू देवता मंदिर प्रबंधन समिति हनोल की पदेन अध्यक्ष एवं उपजिलाधिकारी संगीता कनौजिया के निर्देशन में प्रबंधकीय व्यवस्था के संचालन व तैनात स्टाफ कर्मियों, स्थानीय कारसेवकों और ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एन-95 मास्क एवं सैनिटाइजर किट बांटे। मंदिर समिति केप्रबंधक नरेंद्र नौटियाल व सहायक प्रबंधक विक्रम सिंह राजगुरु ने स्टाफ कर्मियों की मदद से मंदिर परिसर के चारों ओर, सराय-धर्मशाला, लंगर हाल और बस्ती क्षेत्र में सैनिटाइजर का छिड़काव भी कराया। कहा कि सामाजिक जागरूकता से कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ जा सकता है।

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