भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचा अशासकीय कॉलेज का मामला
प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेज का सरकार की ओर से अनुदान समाप्त करने व ढ़ाई माह से शिक्षकों कर्मचारियों को वेतन व पेंशनर को पेंशन नहीं देंने का मामला भाजपा संगठन के दरवाजे पर पहुंच गया हैध् राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखंड ने इस बारे में पत्र भेजा।
जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेज का सरकार की ओर से अनुदान समाप्त करने व ढ़ाई माह से शिक्षकों, कर्मचारियों को वेतन व पेंशनर को पेंशन नहीं देंने का मामला भाजपा के के प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंच गया है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखंड ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बंशीधर भगत को इस बारे में पत्र भेजकर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया।
महासंघ के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. प्रशांत सिंह व संरक्षक डॉ. ओपी कुलश्रेष्ठ ने पत्र माध्यम से अशासकीय कॉलेजों के शिक्षकों की चिंता से अवगत कराया। कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड विवि अधिनियम 2020 को विधानसभा में पारित कर दिया लेकिन इसमें अशासकीय कॉलेज को श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध होने की बात तो की गई है, लेकिन इस सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेज के अनुदान जारी रखने का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौरान जो विवि अधिनियम बना था उसका पालन किया जाना चाहिए था। सरकार को इस कॉलेजों को गढ़वाल विवि से असम्बद्ध करने से पहले इस विधेयक को लोकसभा में पारित करवाना चाहिए जो केंद्रीय विवि अधिनियम में शामिल है।
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उन्होंने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष को इस मामले में हस्तक्षेप कर सरकार को सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेज के हितों की रक्षा करने को आगे आना चाहिए। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कहा कि अपने जायज मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने पर शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है जो मूल अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से आग्रह किया कि वह उनकी जायज मांगों को लेकर सरकार को बताएं कि शिक्षकों की मांग उचित है।
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