राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा-जब सुविधा नहीं तो क्यों थोप रहे गोल्डन कार्ड

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गोल्डन कार्ड की सुविधा को महज झुनझुना करार दिया है। परिषद ने कहा कि गोल्डन कार्ड को कर्मचारियों पर थोपा गया है और इसके एवज में उचित सुविधा भी नहीं दी जा रही।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 27 May 2021 02:18 PM (IST) Updated:Thu, 27 May 2021 02:18 PM (IST)
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा-जब सुविधा नहीं तो क्यों थोप रहे गोल्डन कार्ड
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गोल्डन कार्ड की सुविधा को महज झुनझुना करार दिया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून।  राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गोल्डन कार्ड की सुविधा को महज झुनझुना करार दिया है। परिषद ने कहा कि गोल्डन कार्ड को कर्मचारियों पर थोपा गया है और इसके एवज में उचित सुविधा भी नहीं दी जा रही। कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि या तो गोल्डन कार्ड को वैकल्पिक किया जाए या सुविधा बढ़ाई जाए।

बुधवार को बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह ने कहा कि बीते माह ही गोल्डन कार्ड के रूप में सरकार को कर्मचारियों के अंशदान के रूप में 60 करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं, इसके सापेक्ष सुविधा की बात की जाए तो अस्पतालों को चिह्नित करने की जगह बीमारी को चिह्नित किया गया है। ऐसे में कर्मचारियों को अनावश्यक मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है।

इस तरह की व्यवस्था को कर्मचारियों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों का विवादित निर्णय करार दिया। इसके अलावा परिषद ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा में एसीपी का लाभ देने की घोषणा की थी। इस दिशा में भी सरकार कुंभकर्णी नींद में दिख रही है। लिहाजा मांग की गई कि कर्मचारी हितों की तरफ ध्यान देते हुए कार्रवाई की जाए। बैठक में कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडेय, शक्ति प्रसाद भट्ट, नंद किशोर त्रिपाठी, चौधरी ओमवीर सिंह, गुड्डी मटूड़ा, रेनू लांबा आदि उपस्थित रहे। 

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गैस कनेक्शन और राशन को करें संपर्क

मसूरी नगर पालिका के वार्ड आठ से सभासद गीता कुमाईं ने कोरोना के कारण परेशान परिवारों को मदद देने की एलान किया है। सभासद ने मीडिया को जारी पत्र में कहा कि  कोरोना के कारण जिन परिवारों ने अपना मुखिया खो दिया है। वह परिवार गैस कनेक्शन से वंचित है। ऐसे परिवार फोन कर उनसे संपर्क कर सकते हैं। गैस सिलिंडर और सूखा राशन उनके घर पहुंचा दिया जाएगा। 

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