महेश जोशी को कोतवाल बनाने पर एसएसपी से जवाब तलब, जानिए क्‍या है पूरा मामला

विभागीय जांच का निस्तारण करने के बाद उसकी रिपोर्ट डीआइजी को प्रेषित किए बगैर ही निरीक्षक महेश चंद्र जोशी को ऋषिकेश कोतवाल की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर डीआइजी गढ़वाल रेंज ने एसएसपी देहरादून से जवाब तलब किया है। डीआइजी का कहना है एसएसपी से जवाब मांगा गया है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 03:15 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 03:15 PM (IST)
महेश जोशी को कोतवाल बनाने पर एसएसपी से जवाब तलब, जानिए क्‍या है पूरा मामला
महेश चंद्र जोशी को ऋषिकेश कोतवाल की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर डीआइजी गढ़वाल रेंज ने एसएसपी से जवाब तलब किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: विभागीय जांच का निस्तारण करने के बाद उसकी रिपोर्ट डीआइजी को प्रेषित किए बगैर ही निरीक्षक महेश चंद्र जोशी को ऋषिकेश कोतवाल की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर डीआइजी गढ़वाल रेंज ने एसएसपी देहरादून से जवाब तलब किया है। निरीक्षक जोशी को लापरवाही के चलते अगस्त 2020 में तत्कालीन एसएसपी ने निलंबित किया था। हालांकि, कुछ समय बाद ही उन्हें बहाल कर दिया गया था। एसएसपी ने निरीक्षक को जांच में आरोप मुक्त किए जाने की बात कही है। वहीं, डीआइजी का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, छह दिसंबर 2017 को देहरादून की तत्कालीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती रायवाला दौरे पर गई थीं। इस दौरान उन्हें रायवाला में जाम लगा मिला। मौके पर उन्हें जाम खुलवाने के लिए कोई पुलिसकर्मी भी नहीं दिखा। इस पर एसएसपी ने थाने पहुंचकर पूछताछ की तो पता चला कि वहां उप निरीक्षक अशोक कुमार शर्मा की ड्यूटी लगाई गई थी। एसएसपी ने तत्काल अशोक कुमार को लाइन हाजिर कर दिया था। हालांकि, अशोक कुमार ने पुलिस लाइन में एक भी दिन अपनी आमद दर्ज नहीं कराई। इसके बाद 31 जनवरी 2020 को वह सेवानिवृत्त हो गया। यह प्रकरण तत्कालीन एसएसपी अरुण मोहन जोशी के संज्ञान में आया तो उन्होंने क्षेत्राधिकारी डालनवाला से जांच करवाई। इसमें छह दिसंबर 2017 के बाद अशोक कुमार के ड्यूटी पर नहीं आने की पुष्टि हुई। हालांकि, इस अवधि में वेतन वह बराबर लेता रहा।

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जांच में यह भी सामने आया कि अशोक कुमार को थाना रायवाला से पुलिस लाइन भेजे जाने के संबंध में तत्कालीन थानाध्यक्ष निरीक्षक महेश चंद्र जोशी और हेड मोहर्रिर मनोज कुमार ने संबंधित उच्च अधिकारियों को कोई सूचना नहीं दी थी। इस पर विभाग की ओर से अशोक कुमार को रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया। वहीं, तत्कालीन एसएसपी ने निरीक्षक महेश जोशी और हेड मोहर्रिर मनोज कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी थी।

डीआइजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग का कहना है कि निरीक्षक के खिलाफ 14ए के तहत कार्रवाई चल रही थी। इस कार्रवाई का निस्तारण किए बगैर उन्हें किसी थाने-चौकी का प्रभार नहीं दिया जा सकता। ऐसे में किन परिस्थिति में निरीक्षक को कोतवाल बना दिया गया, इसको लेकर एसएसपी से जवाब मांगा गया है।

एसएसपी जन्‍मेजय खंडूरी पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी ने निरीक्षक के मामले की जांच की थी। जांच में निरीक्षक को आरोप मुक्त कर दिया गया है। ऐसे में काबिलीयत और वरिष्ठता के आधार पर उन्हें ऋषिकेश कोतवाली का प्रभार सौंपा गया।

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