दौलतराम ट्रस्ट जमीन घोटाले में जांच कैसे आगे बढ़ाएं, एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय को भेजा पत्र

बहुचर्चित दौलतराम ट्रस्ट की 700 बीघा जमीन के घोटाले के मामले में एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने जांच की कार्रवाई आगे कैसे बढ़ाई जाए इस संबंधी पत्र पुलिस मुख्यालय को भेजा है। 11 जून 2020 को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की ओर से एसआइटी गठित की गई थी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 05:44 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 05:44 PM (IST)
दौलतराम ट्रस्ट जमीन घोटाले में जांच कैसे आगे बढ़ाएं, एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय को भेजा पत्र
देहरादून के एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। बहुचर्चित दौलतराम ट्रस्ट की 700 बीघा जमीन के घोटाले के मामले में एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने जांच की कार्रवाई आगे कैसे बढ़ाई जाए, इस संबंधी पत्र पुलिस मुख्यालय को भेजा है। 11 जून 2020 को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की ओर से एसआइटी गठित की गई थी। एसआइटी में निवर्तमान एसएसपी अरुण मोहन जोशी, अपर पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह, सीओ सिटी शेखर चंद्र व इंस्पेक्टर नत्थीलाल उनियाल को शामिल किया गया था।

मौजूदा समय में एसआइटी में शामिल तीन अधिकारियों का तबादला हो चुका है। जांच पद नाम से नहीं, बल्कि नाम से दी गई थी, जिसके कारण जांच अधिकारियों में अब भी पुराने अधिकारियों का नाम शामिल है। ऐसे में जांच का अभी कोई अता पता नहीं है। इसी बात को लेकर एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा कि कैसे कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाए।

अधिवक्ता राजेश सूरी की बहन रीटा सूरी लंबे समय से पुलिस से उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रही थीं। रीटा का आरोप है कि दौलतराम ट्रस्ट व अन्य जमीनों के घोटाले का पर्दाफाश करने पर उनके भाई की साजिश के तहत हत्या कर दी गई थी। अधिवक्ता राजेश सूरी ने देहरादून के दौलत राम ट्रस्ट भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया था। इस मामले में उन्होंने वर्ष 2002 में एडीएम देहरादून के समक्ष गुप्त बयान भी दर्ज कराए थे।

पूर्व एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने इस मामले की जांच में काफी साक्ष्य जुटा भी लिए थे, लेकिन इसी बीच उनका तबादला हो गया, जिसके कारण जांच आगे नहीं बढ़ पाई है।

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