अपराधियों से सांठगांठ पर नपेंगे पुलिसकर्मी, एसएसपी और एसपी रखेंगे कर्मियों की गतिविधि पर नजर

उत्तराखंड पुलिस भी ऐसे पुलिसकर्मियों पर नकेल कसने की तैयारी में जुट गई है जो अपराधियों से सांठगांठ करते हैं। सभी पुलिसकर्मियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 03:59 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 03:59 PM (IST)
अपराधियों से सांठगांठ पर नपेंगे पुलिसकर्मी, एसएसपी और एसपी रखेंगे कर्मियों की गतिविधि पर नजर
अपराधियों से सांठगांठ पर नपेंगे पुलिसकर्मी, एसएसपी और एसपी रखेंगे कर्मियों की गतिविधि पर नजर

देहरादून, जेएनएन। कानपुर की घटना में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की सामने आ रही खबरों के बीच उत्तराखंड पुलिस भी ऐसे पुलिसकर्मियों पर नकेल कसने की तैयारी में जुट गई है, जो अपराधियों से सांठगांठ करते हैं। हालांकि कानपुर जैसी स्थिति यहां तो कभी उत्पन्न नहीं हुई, लेकिन खनन और शराब तस्करों के साथ मिलीभगत के मामले सामने आते रहे हैं। कानपुर की घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को थानेदारों से लेकर सभी पुलिसकर्मियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया।

कानपुर में गैंगेस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई टीम के डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी बालिदान हो गए थे। अब तक जांच में सामने आया है कि विकास दुबे को दबिश की पुलिस के बीच से ही किसी ने मुखबिरी की थी। इसकी पुष्टि इस बात से भी होने लगी है कि अब तक कई पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिर चुकी है। इसे देखते हुए डीजी एलओ की ओर से दबिश में कमांडो ले जाने और दबिश से पहले अपराधी की खुफिया तंत्र के जरिये पूरी कुंडली खंगाल लेने का निर्देश दिया जा चुका है। 

वहीं, पुलिस के बीच के उन लोगों पर भी नजर रखने की हिदायत दी गई है जो किसी न किसी तरीके से अपराधियों से संपर्क रखते हैं। विगत वर्षों में खनन माफिया, भू-माफिया और शराब तस्करों से संपर्क रखने के आरोप में कुछ पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। लेकिन अब पुलिस मुख्यालय ने साफ कर दिया गया है कि अपराधियों से सांठगांठ रखने वाले पुलिसकर्मी किसी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।

उत्तर प्रदेश से लगती सीमाओं पर चौकसी बढ़ाई

उत्तर प्रदेश से लगती सीमाओं पर मंगलवार को भी पूरे दिन पुलिस एक-एक वाहन की चेकिंग की। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे गैंग के वांछित आरोपितों की फोटो उत्तराखंड पुलिस को भेज दी है, जिसे अंतरराज्यीय सीमा पर तैनात पुलिस को भेज दिया गया है। इन्हीं फोटो से पुलिस उत्तराखंड में दाखिल होने वाले हर शख्स के चेहरे का मिलान कर रही है।

पुलिस महानिदेश, अपराध और कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि विकास दुबे के गैंग के सदस्यों के मूवमेंट को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस से लगातार संपर्क बना हुआ है। अंतरराज्यीय सीमाओं पर लगातार चेकिंग की जा रही है। जहां तक पुलिसकर्मियों के अपराधियों से सांठगांठ रखने की बात है तो सभी को चेतावनी जारी कर दी गई है। यदि इस तरह की शिकायत मिलती है तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विकास दुबे प्रकरण को लेकर हाई अलर्ट

कानपुर के बिकरु गांव में गुरुवार रात हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में आरोपित विकास दुबे को लेकर जनपद पौड़ी में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश से सटी जिले की तमाम सीमाओं पर पुलिस सख्ती से वाहनों की चेकिंग कर रही है।

भू-माफिया को संरक्षण देने वालों पर कसेगी नकेल

जिले में भू-माफिया पर शिकंजा कसने के साथ उन्हें संरक्षण देने वाले सफेदपोशों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने मंगलवार को क्षेत्रधिकारियों की बैठक में यह भी कहा कि भू-माफिया के राजस्व व निबंधन विभाग में बैठे मददगार अधिकारी और कर्मचारियों की भी कुंडली खंगाली जाए। उन्होंने कहा कि भू-माफिया पर बिना देरी किए गैंगेस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाए।

डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बैठक में साफ कहा कि भू-माफिया या फिर जमीन धोखाधड़ी के मामले की जांच में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए क्षेत्रधिकारियों को कहा कि वह अपने सर्किल के भू-माफिया को चिन्हित कर उनके सफेदपोशों से सरकारी कर्मचारियों से कनेक्शन की बारीकी से जांच करेंगे। डीआइजी ने कहा कि भूमि से संबंधित धोखाधड़ी के दर्ज मुकदमों की वस्तुस्थिति की जानकारी करते हुए उनका त्वरित निस्तारण किया जाए। विवेचना के दौरान यह भी देखा जाए कि भू-माफिया ने कितनी और कहां-कहां संपत्तियां अर्जित की हैं, उसकी भी जांच कर लिस्ट तैयार की जाए। इसके साथ अवैध कब्जे से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उसकी भी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।

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डीआइजी ने कहा कि प्रत्येक भू-माफिया के संरक्षकों और मददगारों के साथ उनके गिरोह के सदस्यों की प्रमाण के साथ जानकारी जुटाकर सभी के खिलाफ गैंगेस्टर के तहत भी कार्रवाई की जाए। पूर्व में चिह्नित भू-माफिया की गतिविधियों पर नजर रखी जाए। जमानत पर बाहर बाहर आने के बाद फिर से धंधे में लग गया है तो उसकी अलग से रिपोर्ट बनाकर कार्रवाई की जाए।

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